Kisan Andolan: नहीं बनी बात, 21 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे अन्नदाता, पंजाब सरकार पर भड़के किसान नेता

Kisan Andolan: किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम 21 मार्च को सुबह 11 बजे शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर कूच करेंगे।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-02-20 08:09 IST

Kisan Andolan: किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चार दौर की वार्ता होने के बावजूद कोई हल नहीं निकल पाया है। ‘दिल्ली चलो’ शुरू करने वाले किसान नेताओं ने केंद्र के प्रस्ताव को खारिज हुए आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। सोमवार को शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं के बीच अहम बैठक हुई, जिसमें सरकारी एजेंसियों द्वारा मक्का, कपास और दाल की खरीद पांच साल तक एमएसपी पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि वो हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं हैं, उनकी नीयत में खोट है। सरकार के प्रस्ताव से किसानों को कई लाभ नहीं होने वाला है। उसमें स्पष्टता का भी अभाव है। हम चाहते हैं कि सरकार 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का फॉर्मूला तय करे।

21 फरवरी को दिल्ली की ओर बढ़ेगे किसान

किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम 21 मार्च को सुबह 11 बजे शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर कूच करेंगे। हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए। पंढेर ने आगे ये स्पष्ट किया कि उन्हें लगता है कि अब आगे चर्चा की कोई जरूरत नहीं है।

पंजाब सरकार पर भड़के किसान नेता

सोमवार रात को शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉंन्फ्रेंस करने आए किसान नेता पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी भड़के नजर आए। किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए राज्य के सात जिलों में इंटरनेट बैन है, जिससे किसान नेता नाराज हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आरोप लगाया कि किसानों पर हो रहे अत्याचार में केंद्र और राज्य सरकार की मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के निलंबित रहने से बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

ये सबकुछ इसलिए हो रहा है ताकि किसानों के आंदोलन को दबाया जा सके। पंढेर ने पंजाब सरकार से पूछा कि वो स्पष्ट करें कि किसके आदेश पर इंटरनेट बैन किया गया है। दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी पार्टी की ओर से किसान आंदोलन को समर्थन दिया गया है। इतना ही तीन बैठकों में शामिल रहने वाले सीएम मान ने खुद को किसानों का वकील बताया था।

एमएसपी पर केंद्र ने क्या दिया था प्रस्ताव ?

रविवार की शाम चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता हुई थी। जिसमें एमएसपी पर केंद्र की ओर से किसानों के समक्ष एक प्रस्ताव रखा गया था। जिसमें दाल, कपास और मक्का केंद्रीय एजेंसियां किसानों से एमएसपी पर खरीदेंगे। दोनों के बीच पांच साल का करार भी होगा। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा, जो धान की फसल को छोड़कर इन तीन फसलों की पैदावार करेंगे। किसान नेताओं ने सोमवार को बैठक कर केंद्र के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

बता दें कि इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को भी किसान नेताओं और केंद्र मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी। दोनों के बीच वार्ता असफल रहने के बाद हरियाणा-पंजाब सीमा पर नए सिरे से अशांति देखने को मिल सकती है।

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