किसानों पर 5 साल पुराने और एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले दागने पर जांच के आदेश

पहले तीन वर्ष इनका इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन फिर बाद में चार साल तक इनका उपयोग प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान आंसू गैस के उपयोग की जानकारी नए पुलिस अधिकारियों को दी जाती है।

Update:2020-11-28 17:53 IST
पहले 25 से 27 दिसंबर तक टोल प्लाजा को फ्री करने का प्लान था, लेकिन अब आंदोलन को तेज करने के लिए अनिश्चितकाल तक टोल प्लाजा को फ्री कर दिया गया है।

नई दिल्ली: किसान आन्दोलन के बीच एक ऐसी खबर आ रही है। जिसने लोगों के होश उड़ाकर रख दिए हैं। पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए 5 साल पुराने और एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले दागे गये थे।

ये एक्सपायरी डेट के गोले खासतौर से रोहतक व करनाल रेंज पुलिस द्वारा दागे गए हैं। ये बात कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिये सामने आई है।

इस मामले के सामने आने के बाद से पंजाब और हरियाणा में हड़कंप मचा हुआ है। डीजीपी मनोज यादव ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

किस जिले में कितने गोले दागे गए हैं। ये दागे गए गोले किस मैन्यूफैक्चरिंग डेट अथवा एक्सपायरी डेट के थे। इसका भी डाटा मांगा गया है।

बता दें कि करनाल, अंबाला, सोनीपत और पानीपत समेत कई जिलों में पुलिस दिल्ली कूच को रोकने के लिए आंसू गैस का उपयोग किया था।

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किसानों पर 5 साल पुराने और एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले दागने पर जांच के आदेश (फोटो:सोशल मीडिया)

आंसू गैस के गोलों की पांच से सात साल तक की होती है अवधि

दरअसल जब कभी भी भीड़ के बेकाबू होने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है तो लोगों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया जाता है। प्रदर्शनकारियों और दंगाइयों आदि पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के इन गोलों के इस्तेमाल की अवधि पांच से सात साल तक की होती है।

सड़कों पर धुआं फैलाने के लिए उपयोग होने वाले आंसू गैस के गोलों को पुलिस फायरिंग रेंज में चलाकर या गड्ढे में दबाकर नष्ट किया जाता है।

पहले तीन वर्ष इनका इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन फिर बाद में चार साल तक इनका उपयोग प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान आंसू गैस के उपयोग की जानकारी नए पुलिस अधिकारियों को दी जाती है।

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किसानों पर 5 साल पुराने और एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले दागने पर जांच के आदेश (फोटो:सोशल मीडिया)

डीजीपी ने कही ऐसी बात

इस मामले में डीजीपी मनोज यादव का कहना है कि यह पूरा मामला संज्ञान में नहीं था। पुलिस किसी भी सूरत में एक्सपायरी डेट आंसू गैस के गोले नहीं दाग सकती है। अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच के आदेश देकर रिपोर्ट तलब कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रदेश भर में किस जिले में कितने गोले दागे गए हैं, उनका भी डेटा मांगा है।

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