किसान या सरकार: किसकी होगी जीत-कौन मानेगा हार, आज होगा ऐसा..
किसानों के साथ हुई वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एलान किया है कि MSP जारी रहेगी। वहीं अगर किसानों के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान निकालने के लिए भी तैयार है।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 11वां दिन हैं। बीते दिन सरकर के साथ किसानों नेताओं की पांचवी स्तर की हुई वार्ता भी फ़िलहाल बेनतीजा निकली है और अब 9 दिसंबर को दोनों पक्षों के बीच बातचीत होनी है लेकिन किसान संगठनों ने भारत बंद के आह्वाहन के साथ ही दिल्ली पर कूच की तैयारी कर ली है। रविवार को भी किसान राजधानी की सीमा पर डटे हुए है। ऐसे में पुलिस ने कई रास्तो को बंद कर रखा है।
कृषि मंत्री बोले- नहीं हटेगी MSP
किसानों के साथ हुई वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एलान किया है कि MSP जारी रहेगी। वहीं अगर किसानों के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान निकालने के लिए भी तैयार है। वहीं APMC को अधिक मजबूत करने के लिए भी सरकार तैयार है। सरकार APMC पर किसानों की गलतफहमी भी दूर करना चाहती है।
इन 10 ट्रेड यूनियनों ने दिया भारत बंद को समर्थन
हालंकि इसके बाद भी 8 दिसंबर को किसान संगठनों द्वारा बुलाये गए भारत बंद को लेकर कई संगठनों ने इसका समर्थन किया है। संयुक्त मंच 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का है - जिसमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेन्टर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल हैं।
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इसके अलावा किसानों के समर्थन में भारतीय परिवहन संघ ने भी 8 दिसंबर को हड़ताल करने का एलान किया है।
आंदोलन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा
इस बीच देश के किसान आंदोलन का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने भी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है। गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का हक है और अधिकारियों को इस मामले में कोई रोक-टोक नहीं लगानी चाहिए।
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इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी किसान आंदोलन का मुद्दा उठा चुके हैं। भारत की ओर से इस बाबत आपत्ति जताए जाने के बावजूद उन्होंने एक बार फिर आंदोलन का समर्थन किया है। उधर 36 ब्रिटिश सांसदों ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। इन ब्रिटिश सांसदों ने विदेश सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि ब्रिटेन को इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाना चाहिए।
नेशनल हाईवे 24 पर गाजीपुर बॉर्डर सील
किसानों के आंदोलन को देखते हुए नेशनल हाईवे 24 पर गाजीपुर बॉर्डर को दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर इस बार की जानकारी देते हुए लोगों से एनएच 24 के उपयोग से बचने की सलाह दी है।
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