मातम किसान आंदोलन में: संत राम के बाद एक और की मौत, जिम्मेदार कौन?
पिछले 22 दिनों से हजारों किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। तीन बच्चों के पिता इस 37 साल के किसान को मृत पाया गया है। मृतक को 10, 12 और 14 साल के बच्चे हैं।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के महाआंदोलन के 22 दिन हो गए हैं। एक ओर किसानों की मांग न पूरी होने से उनमे आक्रोश बढ़ता जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के एक किसान की गुरुवार को तड़के सुबह टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि भयंकर ठंड के कारण किसान की मौत हुई है।
37 साल के किसान के तीन बच्चे हैं
पिछले 22 दिनों से हजारों किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। तीन बच्चों के पिता इस 37 साल के किसान को मृत पाया गया है। मृतक को 10, 12 और 14 साल के बच्चे हैं। किसान की मौत की खबर उस घटना के तुरंत बाद आ रही है, जहां एक सिख ग्रंथी ने बुधवार की शाम को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर ही खुदकुशी कर ली। हरियाणा के एक गुरुद्वारे के सिख ग्रंथी बाबा राम सिंह ने प्रदर्शन को समर्थन दिया था और खुदकुशी के पहले एक 'सरकार के अन्याय के खिलाफ गुस्सा और दर्द' जताता हुआ सुसाइड नोट भी छोड़ा था।
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20 आंदोलनकारी किसानों की मौत हो चुकी है
किसानों का दावा है कि नवंबर के अंत से चल रहे इस आंदोलन में अब तक 20 आंदोलनकारी किसानों की मौत हो चुकी है। कई किसानों की मौत की वजह बढ़ते ठंड को बताया जा रहा है। बहुत से वॉलंटियर्स किसानों की मदद के लिए उनके लिए रजाई और हीटर वगैरह लेकर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारी खुद को गर्म रखने के लिए अलाव भी जला रहे हैं। ये किसान पहले ही जता चुके हैं कि वो यहां पर लंबे समय तक टिके रहने वाले हैं।
तापमान सामान्य से लगभग चार डिग्री नीचे
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में तापमान में जबरदस्त गिरावट आई है। सुबह-सुबह तापमान लगभग पांच डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है। वहीं दिन में भी तापमान सामान्य से लगभग चार डिग्री नीचे ही रह रहा है। ऐसे में आन्दोलन कर रहे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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