किसानों ने ठुकराया कृषि कानून के अस्थाई निलंबन का प्रस्ताव, जारी रहेगा आंदोलन

किसानों ने मंथन के बाद सरकार के कृषि कानूनों पर अस्थाई निलंबन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और आंदोलन जारी रखने का एलान किया है।

Update: 2021-01-21 16:10 GMT

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 57वां दिन था। इस दौरान आज किसानों ने सरकार के उस प्रस्ताव पर बैठक में चर्चा की, जिसमे सरकार ने कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए अस्थाई रोक लगाने को कहा था। किसानों ने मंथन के बाद सरकार के कृषि कानूनों पर अस्थाई निलंबन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और आंदोलन जारी रखने का एलान किया है।

कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए निलंबित रखने का प्रस्‍ताव किसानों ने ठुकराया

दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों को लेकर बीते दिन सरकार और किसान नेताओं के बीच दसवें दौर की बैठक हुई, जिसमे सरकार ने थोड़ी नरमी दिखाते हुए कानूनों को डेढ़ साल तक निलंबित रखे जाने का प्रस्‍ताव किसानों के सामने रखा। किसान संगठनों ने आज मंथन के बाद इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। वहीं किसान अब कल होने वाली बैठक में सरकार के समक्ष अपने फैसले को रखेंगे। बता दें कि 22 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें दौर की वार्ता होनी है। उसके पहले किसानों का यह फैसला बेहद अहम है।

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कमेटी ने की किसान यूनियन से बात

इसके अलावा आज कृषि कानून के मसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने विभिन्न राज्यों के 8 किसान यूनियन से पहली बैठक के दौरान बातचीत की। बताया जा रहा है कि कुछ संगठन ने इस पर सहमति जताई तो कुछ ने विरोध किया। अगली बैठक 27 जनवरी को होगी। सुझाव के लिए वेबसाइट भी बनाई जा रही है।

पुलिस और किसानों के बीच बैठक

वहीं गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली को लेकर चल रही दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच की बैठक हुई। किसानों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें दिल्ली में घुसने से इनकार किया है, जबकि किसान दिल्ली में रैली निकालना चाहते हैं। पुलिस की ओर से केएमपी एक्सप्रेस वे पर छोटी रैली निकालने का ऑप्शन दिया गया, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया। किसान नेताओं का कहना है कि वो अंतिम निर्णय किसान संगठनों की बैठक में ही लेंगे। हजारों ट्रैक्टर अलग-अलग इलाकों से दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं।

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