किसानों पर बड़ा ऐलान: बजट में मिला बहुत कुछ, संसद में लगने लगे नारे

संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आम बजट पेश करने के दौरान विपक्षियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दौरान जैसे ही ये कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के प्रतिबद्ध है, बस तुरंत वैसे ही विपक्षी दल के नेता लोकसभा में हंगामा करने लगे।

Update:2021-02-01 12:57 IST
विपक्ष के नेता नारेबाजी करने लगे और दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की तरफ से सरकार को ध्यान दिलाते हुए जोरदार हंगामा करने लगे।

नई दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में आम बजट पेश करने के दौरान विपक्षियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दौरान जैसे ही ये कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के प्रतिबद्ध है, बस तुरंत वैसे ही विपक्षी दल के नेता लोकसभा में हंगामा करने लगे। इसे लेकर विपक्ष के नेता नारेबाजी करने लगे और दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की तरफ से सरकार को ध्यान दिलाते हुए जोरदार हंगामा करने लगे।

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कृषि कानून वापस लो के नारे लगे

संसद में किसानों के विषय में बजट की शुरूआत करते ही विपक्षी सांसदों का हंगामा शुरू हो गया। जिसे देखते हुए वित्त मंत्री को कुछ मिनट तक अपना भाषण भी रोकना पड़ा। इस बीच विपक्षी दलों के नेता कृषि कानून वापस लो के नारे लगा रहे थे।

ऐसे में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों के उत्पाद की प्रक्रिया जारी रहेगी। साल 2020-21 में किसानों से 1.72 लाख करोड़ रुपये का धान खरीदा गया था।

फोटो-सोशल मीडिया

संसद में गेहूं के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में किसानों कुल 33874 करोड़ रुपये दिए गए थे। जबकि 2019-20 में ये आंकड़ा बढ़कर 62 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया। इसके बाद फिर 2020-21 में इसमें और भी बढ़ोत्तरी हुई और ये आंकड़ा बढ़कर 75050 करोड़ हो गया। जिससे 43.36 लाख किसानों को फायदा हुआ है।

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चावल-दाल में बढ़ोत्तरी

इसके साथ ही धान पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में धान के किसानों को लगभग 64 हजार करोड़ रुपये उपज खरीद के एवज में भुगतान किए गए थे, 2019-20 में ये आंकड़ा बढ़कर 1.41 लाख करोड़ हो गया।

इसके बाद 2020-21 में इस आंकड़े में और बढ़ोत्तरी हुई और ये आंकड़ा बढ़कर 1.72 लाख करोड़ हो जाने की उम्मीद जताई है। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 1.54 करोड़ किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसी अनुपात में दाल की खरीद में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

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