फुटबॉल की नर्सरी रुड़का कलां
पंजाब का जालंधर अब तक हॉकी के लिए प्रसिद्ध रहा है, पर इस महानगर का एक गांव फुटबॉलर्स की जन्मभूमि है। जहां से कई नेशनल स्तर के खिलाड़ी देश के विभिन्न क्लबों में जालंधर का नाम रोशन कर रहे हैं।
दुर्गेश पार्थसारथी
जालंधर : पंजाब का जालंधर अब तक हॉकी के लिए प्रसिद्ध रहा है, पर इस महानगर का एक गांव फुटबॉलर्स की जन्मभूमि है। जहां से कई नेशनल स्तर के खिलाड़ी देश के विभिन्न क्लबों में जालंधर का नाम रोशन कर रहे हैं। फगवाड़ा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव रुड़का कलां द विजेल ऑफ फुटबालर्स के नाम से मसहूर है। सबसे मजेदार बात यह है कि इस गांव में स्थापित यूथ फुटबॉल एकेडमी से प्रशिक्षित नौजवान फुटबाल खिलाड़ी विभिन्न आयु वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुए हैं। अब तो क्लब की ओर से इन खिलाडि़यों को अंतरराष्ट्रीय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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यूथ फुटबॉल क्लब क्लब के अध्यक्ष डॉ. गुरमंगल दास बताते हैं कि 1998 में क्लब गठन का विचार आया। इसके गठन की प्रक्रिया 2001 में साकार हुई। क्लब को प्रसिद्धि यहां के उम्दा फुटबॉलर अनवर अली ने दिलाई, जिसे भारतीय फुटबॉल के इतिहास में 95 लाख रुपये की अमाउंट पर कोलकाता के दिग्गज मोहन बगान क्लब ने अनुबंधित किया। इसके बाद क्लब अपने और फुटबॉल के विकास के लिए प्रयासरत रहा। पिफर 2011 में क्लब ने पंजाब के विभिन्न कस्बों में छह से अधिक सेंटर खोले। वर्तमान में वाईएफसी के सेंटरों में 40 खिलाड़ी और करीब 500 लड़के अंडर 12 से 16 आयुवर्ग में नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
डॉ. गुरमंगल दास बताते हैं कि जब वह बच्चे थे तो उनके गांव फुटबाल के नेशनल व इंटरनेशनल खिलाडि़यों के लिए विख्यात था। 1970 से 1980 तक गांव मेंफुटबाल की प्रसिद्धि शिखर पर थी। फिर यह गरिमा घटने लगी। बस यहीं से उन्हें प्रेरणा मिली कि गांव के इस गौरवमयी थाती को सहेजा जाए।
उन्होंने बताया कि क्लब का वार्षिक बजट 40 करीब 50 लाख रुपये वर्षिक है। पंजाब स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की ओर से 40 खिलाडि़यों को डाइट मनी मुहैया करवाई जाती है। क्लब के लिए गांव के एनआरआइज डोनेशन देते हैं। इस समय क्लब के पास 30 स्टाफ है, जिन्प्हे क्लब की ओर से वेतन दिया जाता है। यह सभी आयुवर्ग के 1000 बच्चों को फुटबाल का प्रशिक्षण देते हैं।
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नेशनल डिफेंडर अनवर अली रुड़का कलां की खोज
राष्ट्रीय स्तर के फुटबाॅल में अनवर अली किसी नाम के मोहताज नहीं हैं। यह फुटबॉलर रुड़का कलां की खोज है। 15 वर्ष की उम्र में अनवारअली ने रुड़का कलां की यूथ फुटबॉल क्लब एकेडमी में फुटबॉल के गुर सीखने शुरू किए। इस समय अली की उम्र करीब 35 वर्ष है। और नेशनल फुटबॉल की जान हैं। अनवर अली को देख कर एकेडमी के युवा खिलाड़ी फख्र से कहते हैं कि हम अनवर भय्या की तरह बनना चाहते हैं। डॉ. गुरमंगल दास बताते हैं कि अली 2004 में पंजाब पुलिस की तरफ सेले और 2006 में जेसीटी से अनुबंधित हैं।