QUAD Summit: PM मोदी ने बताया ‘क्वाड’ का एजेंडा, चीन हुआ बेचैन
पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त तथा समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त तथा समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ वर्चुअल ‘क्वाड’ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गठबंधन विकसित हो चुका है और टीका, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के इसके एजेंडे में शामिल होने से यह वैश्विक भलाई की ताकत बनेगा।
क्वाड समूह के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त तथा समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त तथा समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे एजेंडा में टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जो 'क्वाड' को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और सुरक्षित, स्थिर, समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए पहले से कहीं अधिक साथ मिलकर, निकटता से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आज का सम्मेलन दिखाता है कि 'क्वाड' विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए 'क्वाड' महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है। बाइडन ने कहा कि क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं। बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपको देख कर बहुत अच्छा लगा।
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इस सम्मेलन से पहले चीन ने 'क्वाड' लेकर प्रतिक्रिया दी। चीन ने कहा कि देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग आपसी समझ पर आधारित होना चाहिए न कि तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के लिए। साथ ही एक विशेष समूह बनाने से बचना चाहिए।
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