पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का मतदाताओं के नाम पत्र, मोदी ने हेट स्पीच से पद की गरिमा घटाई

Election 2024 : लोकसभा चुनाव के अंतिम राउंड के पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मतदाताओं के नाम एक पत्र जारी किया है। पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कांग्रेस को चुनने की अपील की है।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-05-30 12:36 GMT

Election 2024 : लोकसभा चुनाव के अंतिम राउंड के पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मतदाताओं के नाम एक पत्र जारी किया है पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कांग्रेस को चुनने की अपील की है। इसके साथ ही कई मुद्दों को उठाते हुए पूर्व पीएम ने बताया है कि आखिर सरकार बदलने की क्यों जरूरत है?

हेट स्पीच

मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हेट स्पीच से प्रधानमंत्री कार्यालय की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया है और इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने कभी किसी समुदाय को विशेष दर्जा देने की बात कही थी। डॉ. सिंह ने कहा - मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चाओं पर बारीकी से नज़र रख रहा हूँ। मोदी जी ने घृणास्पद भाषणों के सबसे शातिर रूप का इस्तेमाल किया है, जो पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं। उन्होंने कहा - मोदी जी सार्वजनिक चर्चाओं की गरिमा और इस तरह प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इस तरह के घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने मेरे नाम पर कुछ झूठे बयान भी लगाए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। यह पूरी तरह से भाजपा का कॉपीराइट है।" डॉ. सिंह ने अपने पत्र में समुदाय के बारे में टिप्पणी का उल्लेख नहीं किया। हालांकि, राजस्थान में एक सार्वजनिक बैठक में नरेन्द्र मोदी ने दावा किया कि डॉ. सिंह ने (2006 में) कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।

पंजाबियत

यह बताते हुए कि पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार ने ‘’पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत’’ को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, डॉ. सिंह ने कहा कि 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब के थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक लगातार इंतजार करते हुए शहीद हो गए। जैसे कि लाठियाँ और रबर की गोलियाँ पर्याप्त नहीं थीं, प्रधानमंत्री ने संसद के पटल पर उन्हें ‘आंदोलनजीवी’ और ‘परजीवी’ कहकर हमारे किसानों पर मौखिक हमला किया। उनकी एकमात्र मांग उनसे परामर्श किए बिना उन पर लगाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेना था। मनमोहन सिंह ने कहा कि भाजपा की नीतियों ने किसानों की कमाई को खत्म कर दिया है।

सरकार बदलने की क्यों जरूरत है?

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने तीन पेज की चिट्ठी में लिखा है - हमारे लोकतंत्र और संविधान को निरंकुश शासन द्वारा बार-बार होने वाले हमलों से सुरक्षित रखने का ये आखिरी मौका है। इस मौके का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। उन्होंने पिछले एक दशक में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के दो कार्यकालों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल पर अफसोस जाहिर किया है।

भारत की अर्थव्यवस्था के विकास और जीडीपी रेट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी की आपदा, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और कोरोना महामारी के दौरान खराब मैनेजमेंट से देश में दयनीय स्थिति पैदा हुई। ऐसी स्थिति में 6 से 7 प्रतिशत से कम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की उम्मीद सामान्य बात बन गई है। उन्होंने कहा – भाजपा सरकार के दौरान औसत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6 प्रतिशत से नीचे गिर गई है। कांग्रेस-यूपीए कार्यकाल के दौरान यह करीब 8 प्रतिशत थी। बेरोजगारी और बेलगाम महंगाई ने असमानता को काफी बढ़ा दिया है, जो अब 100 साल के उच्चतम स्तर पर है। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा - यूपीए ने तमाम चुनौतियों के बावजूद लोगों की क्रय शक्ति में इजाफा किया जबकि भाजपा के कुशासन की वजह से घरेलू बचत दर 47 साल के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 20233-23 में घरेलू बचत गिरकर पांच साल के निचले स्तर 14.2 ट्रिलियन रुपये पर आ गई, जो जीडीपी का 5.3 प्रतिशत है। हालांकि, वित्त वर्ष 2011-12 और वित्त वर्ष 21-22 के बीच (महामारी के साल को छोड़कर) यही आंकड़ा 7 से 8 प्रतिशत के बीच था।

अग्निवीर योजना

पंजाब के मतदाताओं को लिखी चिट्ठी में पूर्व पीएम ने कहा - मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना थोपा है। भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य सिर्फ 4 साल है। यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है।

किसानों की आय

मनमोहन सिंह ने कहा - मोदीजी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिछले 10 वर्षों में उनकी नीतियों ने कमाई कम कर दी है। किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय मात्र 27 रुपये प्रति दिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27,000 रुपये है। पूर्व प्रधानमंत्री ने यूपीए सरकार की 3.73 करोड़ किसानों की 72,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी पर भी प्रकाश डाला।

बेरोजगारी

डॉ. मनमोहन सिंह ने वेतन असमानता पर भी अपनी बात रखी और कहा - मार्च में वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब की एक रिपोर्ट आई, जिसमें कहा गया था कि आज भारत के सबसे अमीर लोगों के पास पिछले 100 वर्षों में किसी भी समय की तुलना में राष्ट्रीय आय का बड़ा हिस्सा है। देश में आय की असमानता बढ़ रही है। बेरोजगार युवाओं की संख्या बढ़ रही है।

बता दें कि पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर आखिरी राउंड में 1 जून को वोटिंग होगी। यहाँ इंडियन अलायन्स में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं जबकि भाजपा 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। पहले अकाली दल के साथ गठबंधन की बात चल रही थी. लेकिन ऐन वक्त पर अकाली दल से गठबंधन से इनकार कर दिया था।

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