Former President Ram Nath Kovind: 12 जनपथ हुआ पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का नया आशियाना, सोनिया गांधी हैं उनकी पड़ोसी

Former President Ram Nath Kovind: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नया आशियाना होगा 12 जनपथ, जो लुटियंस दिल्ली के सबसे बड़े बंगलों में से एक है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-25 13:06 IST

President Ram Nath Kovind (Image Credit-Social Media)

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Former President Ram Nath Kovind: देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू (New President Droupadi Murmu) शपथ ले चुकी हैं। संसद के सेंट्रल हॉल में सीजेआई एनवी रमण ने उन्हें देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलाई। वहीं निर्वतमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram nath kovind) राष्ट्रपति भवन को अलविदा कह चुके हैं। अब उनका नया आशियाना होगा 12 जनपथ (Ram Nath kovind new house 12 janpath), जो लुटियंस दिल्ली के सबसे बड़े बंगलों में से एक है। इसी के साथ कोविंद यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी के नए पड़ोसी भी होंगे।

राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होते ही रामनाथ कोविंद का पद और ठिकाना बदल गया है। तीन सौ से अधिक कमरों वाले भव्य राष्ट्रपति भवन के बजाय उनका ठिकाना अब दिल्ली के 12 जनपथ होगा। खास बात ये है कि इस बंगले के बगल में ही 10 जनपथ है, जो कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का आधिकारिक निवास है। इस तरह सोनिया गांधी पूर्व राष्ट्रपति की नई पड़ोसी होंगी।

कभी इस दिग्गज दलित नेता का ठिकाना था 12 जनपथ

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जिस 12 जनपथ के बंगले में रहने जा रहे हैं, वह कभी दिग्गज दलित नेता और कई प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रह चुके लोजपा नेता रामविलास पासवान का आधिकारिक निवास स्थान हुआ करता था। पासवान बीते 30 सालों से इस बंगले में रह रहे थे। साल 2020 में उनके निधन के बाद भी उनका परिवार कुछ समय तक यहां रहा था। मगर हाल ही में उनके बेटे और लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने ये बंगला खाली कर दिया। रामविलास पासवान का जब देहांत हुआ था तो उस दौरान वह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।

12 जनपथ का है सियासी महत्व

लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था। वह अक्सर जिस पाले में रहते थे, सत्ता में उन्हीं की वापसी होती थी। यूपीए के गठन में भी उनकी अहम भूमिका था। साल 2004 में जब तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली एनडीए बहुमत से काफी पीछे रह गई थी, तब 10 जनपथ में रहने वाली पासवान की पड़ोसी सोनिया गांधी ने उनके घर जाकर मुलाकात की थी। इसी मुलाकात के बाद यूपीए का गठन हुआ था, जो 10 सालों तक केंद्र की सत्ता पर काबिज रहा।

बंगले की बढ़ाई गई सुरक्षा

चिराग पासवान द्वारा बंगला खाली किए जाने के बाद से ही इसके मरम्मत और रंग-रोगन का काम शुरू हो गया था। सुरक्षा कारणों से बंगले के चारों ओर कंटीले तार लगाए गए हैं। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जीवनभर कई तरह के सरकारी भत्ते मिलते रहेंगे। उनकी पत्नी सविता कोविंद को भी 30 हजार रूपये की सहायता राशि मिलती रहेगी।

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