FOSTTA ने लगाया आरोप, सूरत से यूपी-बिहार नहीं जा रहा सामान

फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (FOSTTA) ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली और रेवेन्यू सचिव हंसमुख समेत 200 सांसदों को पत्र लिखकार ई पे बिल के बारे जारी अधिसूसना की प्रति देने की मांग की है।

Update: 2017-11-01 11:43 GMT

सूरत: फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (FOSTTA) ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और रेवेन्यू सचिव हंसमुख समेत 200 सांसदों को पत्र लिखकार ई पे बिल के बारे जारी अधिसूसना की प्रति देने की मांग की है।

फोस्टा का कहना है कि ट्रासंपोर्टर यूपी और बिहार जाने वाले 500 रुपए के ज्यादा के सामान पर भी E-Way Bill की मांग कर रहे हें जो गलत हे। नतीजा ये हो रहा कि इन दो राज्यों में सामान नहीं जा रहा है ।

GST के तहत वस्तुओं के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने या प्राप्त करने पर ई-वे बिल जारी करने का प्रावधान हैं| ये एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक है जिसमें भेजे जाने वाले या प्राप्त किए जाने वाले माल और उस पर लगने वाले GST की पूरी जानकारी होगी। ई वे बिल के आधार पर ही GST Officers ट्रांसपोर्ट किए गए माल की चेकिंग करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकते कि माल पर उचित GST लगाया जा चुका है। GST से पहले Sales Tax या VAT कानून में Road Permit का प्रावधान था, जो GST के लागू होने के बाद E-Way Bill के रूप में जारी होता है।

GST के तहत 50,000 रुपए से अधिक माल भेजने या प्राप्त करने पर E-Way Bill जारी करना अनिवार्य हैं। 50,000 से कम के माल पर E-Way बिल जारी करना आवश्यक नहीं है, लेकिन भेजने या प्राप्त करने वाला अपनी इच्छानुसार जारी कर सकता है।

50 हजार से ज्यादा का सामान अगर ट्रांसपोर्टर के माध्यम से भेजा जा रहा हैं तो माल को ट्रांसपोर्टर को सौंपने से पहले, सप्लायर या रिसीवर E-way Bill जारी कर सकता है। अगर सप्लायर या रिसीवर ने E-way bill जारी नहीं किया है और माल ट्रांसपोर्टर को सौंप दिया है तो फिर इसे ट्रांसपोर्टर की ओर से जारी किया जाएगा और कुछ जानकारी भेजने और पाने वाले की ओर से भरी जाएगी।

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