केंद्र के खिलाफ नई जंग की तैयारी, चार राज्यों के मुख्यमंत्री छेड़ेंगे मुहिम, ममता और स्टालिन की बातचीत में पटकथा तैयार

Mamata Banerjee Talks MK Stalin: इस बातचीत के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों के अनावश्यक बढ़ते हस्तक्षेप के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने पर सहमति जताई।

Update:2023-04-20 17:05 IST
Mamata Banerjee Talks MK Stalin (PHOTO: social media )

Mamata Banerjee Talks MK Stalin: चार राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ नई जंग छेड़ने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन इस मुहिम को धार देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ममता ने इस बाबत स्टालिन से फोन पर बातचीत भी की है। इस बातचीत के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों के अनावश्यक बढ़ते हस्तक्षेप के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने पर सहमति जताई।

जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ने पर चर्चा हुई है। ममता बनर्जी से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी इस बाबत स्टालिन से चर्चा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि चारों मुख्यमंत्री एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नई जंग की शुरुआत करेंगे।

केंद्र के खिलाफ एकजुटता पर जोर

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हुई बातचीत के संबंध में स्टालिन ने एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी है। स्टालिन ने बताया कि ममता ने सभी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सुझाव दिया है कि केंद्र के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।

उन्होंने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों के अलोकतांत्रिक कामकाज के खिलाफ हमारी मुहिम के प्रति ममता ने एकजुटता जताई। ममता ने यह भी सुझाव दिया कि विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इसके खिलाफ एकजुट होकर रणनीति बनानी चाहिए।

स्टालिन ने लिखी थी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी

तमिलनाडु विधानसभा की ओर से हाल में एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा विधायकों को मंजूरी देने के लिए एक समय सीमा तय की जानी चाहिए। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद स्टालिन की ओर से विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर ऐसा ही प्रस्ताव अपने राज्यों में भी पारित कराने का सुझाव दिया गया था। स्टालिन ने अपनी चिट्ठी में यह भी दावा किया था कि भारतीय लोकतंत्र आज चौराहे पर खड़ा है और सहकारी संघवाद को तेजी से खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

केजरीवाल और विजयन से भी स्टालिन की चर्चा

केंद्र सरकार के खिलाफ मुहिम में स्टालिन बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ममता बनर्जी से बातचीत से पहले उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से भी बातचीत की थी। स्टालिन से बातचीत के बाद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार भी विधानसभा के अगले सत्र में इस तरह का प्रस्ताव पारित करेगी।

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने भी स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार भी स्टालिन की ओर से उठाए गए मुद्दे पर काफी गंभीरता से विचार कर रही है। माना जा रहा है कि केरल विधानसभा में भी जल्द ही इस आशय का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।

कई सरकारों का राज्यपाल से टकराव

दरअसल गैर भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों के बीच लंबे समय से विवाद दिखता रहा है। तमिलनाडु के गवर्नर आर एन रवि से राज्य सरकार की लंबे समय से खींचतान चल रही है। जनवरी में गवर्नर और राज्यपाल के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया था और गवर्नर ने अपने ही अभिभाषण के दौरान विधानसभा का बहिष्कार कर दिया था। सदन से बाहर निकलते समय गवर्नर की सत्तारूढ़ द्रमुक विधायकों की ओर से जमकर हूटिंग भी की गई थी।

दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी के बीच लंबे समय से विवाद दिखता रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता एलजी पर काफी हमलावर रहे हैं। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी राजभवन से विवाद समय-समय पर मीडिया की सुर्खियां बनता रहा है। ऐसे में अब इन विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार और राज्यपालों की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

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