पीएम नरसिम्हा राव से लेकर लालू प्रसाद यादव तक को लताड़ा था इस दिग्गज ने

पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएन शेषन का 86 साल की उम्र में 10 नवंबर रविवार को निधन हो गया।

Update:2019-11-11 15:22 IST

नई दिल्ली: पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएन शेषन का 87 साल की उम्र में 10 नवंबर रविवार को निधन हो गया। लेकिन चुनाव व्यवस्था में जब-जब सुधार की बातें होंगी वो हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने वास्तव में चुनाव आयोग की तस्वीर बदल दी थी।

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चुनाव संबंधी नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए मशहूर शेषन ने अपने कार्यकाल में पीएम नरसिम्हा राव से लेकर बिहार के सीएम रहे लालू प्रसाद यादव किसी को नहीं बख्शा। वो पहले चुनाव आयुक्त थे जिन्होंने बिहार में पहली बार चार चरणों में चुनाव करवाया था। इस दौरान मात्र गड़बड़ी की आशंका में ही चारों बार चुनाव की तारीखें तक बदल दी थी। बूथ कैप्चरिंग के लिए बदनाम रहे बिहार में उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया था।

केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था टीएम शेषन का जन्म

टीएन शेषन का जन्म 15 दिसंबर, 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था। इनका पूरा नाम तिरुनेल्लई नारायण अय्यर शेषन था. 1955 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी रहे शेषन 12 दिसंबर, 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक देश के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे। सरकारी सेवाओं के लिए उन्हें 1996 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

1989 में वह देश के 18वें कैबिनेट सचिव के पद पर थे। लेकिन उस समय के पीएम वीपी सिंह से उनकी नहीं बनीं। वीपी सिंह ने उन्हें कैबिनेट सचिव के पद से हटाकर योजना आयोग में भेज दिया था। वीपी सिंह के बाद पीएम बने चंद्रशेखर ने उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। चंद्रशेखर तब कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रहे थे। कहा जाता है कि पूर्व पीएम राजीव गांधी के कहने पर उन्होंने शेषन को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया था।

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आदर्श चुनाव संहिता को सख्ती से लागू कराया

उन्होंने आदर्श चुनाव संहिता का सख्ती से पालन कराया। उनके पहले आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन करना नेताओं की आदत बन गई थी। उनकी सख्ती का आलम यह था कि उत्तर प्रदेश में एक नेता को प्रचार का समय खत्म होने के बाद भाषण बीच में छोड़कर मंच से उतरना पड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान खर्च पर अंकुश लगाने की शुरुआत भी उन्होंने ही की थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले शेषन ने कई मंत्रालयों में काम किया और जहां भी गए उस मंत्री और मंत्रालय की छवि सुधर गई। 1990 में मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद शेषन का डायलॉग 'आइ ईट पॉलिटिशियंस फॉर ब्रेकफास्ट' काफी चर्चा में रहा। उनके छह भाई-बहन थे और वो सबसे छोटे थे। उनके पिता पेशे से वकील थे। उन्होंने IAS की परीक्षा टॉप की थी। वे हिंदी, अंग्रेजी के अलावा तमिल, मलयालम, संस्कृत, कन्नड़, मराठी, गुजराती भाषाओं में दक्ष थे। शेषन ने 1997 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था, वैसे तो, उन्हें सफलता नहीं मिली और केआर नारायणन राष्ट्रपति चुने गए थे।

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राहुल ने शेषन के निधन पर शोक जताया

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन के निधन पर सोमवार को शोक जताया। गांधी ने ट्वीट किया कि एक समय था जब हमारे चुनाव आयुक्त निष्पक्ष, सम्मानित, साहसी होते थे। उनकी बात सुनी जाती थी। टी. एन शेषन उनमें से एक थे। मैं उनके निधन पर उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी शेषन के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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