इस दिन नहीं मिलेंगे फल-सब्जी, 130 मंडियां रहेंगी बंद, जानिए क्या है मामला
फल सब्जी थोक विक्रेता संघ, मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि फल-सब्जी पर आढ़त कम करने का विरोध बजट घोषित होने से के साथ ही चल रहा है।
जयपुर : राजस्थान में बजट प्रस्ताव के विरोध में व्यापारियों द्वारा 14 मार्च को सब्जी मंडी बंद रखकर विरोध दर्ज करवाया जाएगा। बजट में आढ़त 6 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। राजस्थान के बजट में मंडी आढ़त में कमी फल सब्जी व्यापारियों को रास नहीं आ रही है।
मांग नहीं पूरी होने पर फिर बंद
फल सब्जी थोक विक्रेता संघ, मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि फल-सब्जी पर आढ़त कम करने का विरोध बजट घोषित होने से के साथ ही चल रहा है। सुनवाई नहीं होने पर 14 मार्च को प्रदेश में फल-सब्जी मंडियां बंद करने का निर्णय लिया गया है।130 से अधिक मंडियां बंद रहेंगी। अगर मांगें नहीं मानी जाती है तो 16 मार्च को फिर से बैठक कर अनिश्चितकालीन बंद का निर्णय लिया जाएगा।
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सब्जी में खराब औसत 20 प्रतिशत
फल सब्जी थोक विक्रेता संघ, का कहना है कि हमारी मांग आढ़त बढ़ाने की थी, क्योंकि महंगाई दर बढ़ रही है। उससे लागत निकालना मुश्किल है। सब्जी में खराब औसत 20 प्रतिशत है इसकी मार भी व्यापारियों पर ही होती है। ऐसे में आढ़त पुरानी दर पर की जानी चाहिए।
कृषि जिंसों के मुकाबले फल सब्जी में खराब की मात्रा अधिक रहती है। ऐसे में 23 वर्षों से समान दर पर बनी हुई आढ़त में 1 प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव वापस लिया जाए।
आढ़त से जुड़ी राहतें
बजट में कृषि जिंसों जौ, उड़द और मूंग पर मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत से घटाकर 1 फीसदी किया गया है। तिलहन पर मंडी शुल्क 1 प्रतिशत से घटाकर 0.75 फीसदी किया गया है। बजट घोषणा के तहत मंडी शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क और आढ़त से जुड़ी राहतें 1 मार्च 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेंगी। कृषि जिसों के साथ ही गुड, चीनी, इमारती लकड़ी और देशी घी पर मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत से घटाकर 1 फीसदी किया गया है।
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1 फीसदी की रियायत
तिलहन, गुड़, चीनी, इमारती लकड़ी, देशी घी सहित कृषि जिसों जौ, उड़द और मूंग पर आढ़त 2.25 प्रतिशत से घटाकर 1.75 फीसदी किया गया है। इसमें 0.50 प्रतिशत की कमी की गई है। फल सब्जी पर आढ़त में 1 फीसदी की रियायत बजट में दी गई है।