G20 Summit 2023: दिल्ली के इस फेमस मंदिर जाएंगे ब्रिटिश PM ऋषि सुनक, बोले - हिंदू होने पर है गर्व
G20 Summit 2023: पीएम ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ समिट के आखिरी दिन यानी कि कल रविवार (10 सितंबर) को दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर जाएंगे। पीएम सुनक के लिए दिल्ली के शांगरी ला होटल में ठहरने का इंतजाम किया गया है
G20 Summit 2023: जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी पत्नी के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आए हुए हैं। ब्रिटिश पीएम सुनक ने आज शनिवार (9 सितंबर) को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कारोबारी संबंधो को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा हुई। वहीं, अब जानकारी मिल रही है कि पीएम ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ समिट के आखिरी दिन यानी कि कल रविवार (10 सितंबर) को दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर जाएंगे। पीएम सुनक के लिए दिल्ली के शांगरी ला होटल में ठहरने का इंतजाम किया गया है। उनके दर्शन को लेकर अक्षरधाम मंदिर के परिसर में आज शनिवार से ही सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पीएम सुनक के साथ बैठक के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात करना शानदार रहा। हमने कारोबारी संबंधों को मजबूत करने तथा निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
शुक्रवार दिल्ली पहुंचे थे पीएम ऋषि सुनक
बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शुक्रवार को अपनी पत्नी के साथ दिल्ली पहुंचे थे। हवाईअड्डे पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी का स्वागत किया था। इस दौरान उन्होने खुद गर्वित हिंदू बताया था और अपने प्रवास के दौरान अक्षरधाम मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जताई थी। उन्होने कहा कि मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं और इसी तरह मेरा पालन-पोषण हुआ है। मैं ऐसा ही हूं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कुछ दिनों पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मोरारी बापू की कथा में जय सियाराम कहते नजर आए थे। उस दौरान पीएम सुनक ने मोरारी बापू से कहा था कि मैं ब्रिटिश पीएम नहीं एक हिंदू होने के नाते आया हूं। दिल्ली पहुंचने से पहले उन्होने कहा कि वह स्पष्ट फोकस के साथ जी-20 समिट में शामिल होने जा रहे हैं, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करना, अंतरराष्ट्रीय संबंध बनाना और सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करना शामिल है।