गृह मंत्रालय पर गहलोत का कन्फ्यूजन पैदा करने का आरोप, कहा- लिखित में जारी करें आदेश

राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं केंद्रीय गृहमंत्री से कहना चाहूंगा कि कृपा करके आप लिखित में गाइडलाइन जारी करवाएं।

Update: 2020-04-25 15:29 GMT

नई दिल्ली: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस की समस्या से जूझ रहा है। आए दिन देश में इस वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में सरकार ने इस वायरस पर काबू पाने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा रखा है। सरकार द्वारा ये लॉकडाउन का दूसरा चरण है जो 3 मई तक देश में लागू रहेगा। भारत सरकार के इस फैसले किए पूरी दुनिया पीएम मोदी की तारीफ़ कर रही है। लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन पर कहा कि लॉकडाउन लगाना आसान है, लेकिन उससे बाहर निकलना मुश्किल। गहलोत ने इसके साथ केंद्रीय गृहमंत्रालय कन्फ्यूजन पैदा करने का आरोप भी लगाया।

गृह मंत्रालय पैदा कर रहा कन्फ्यूजन

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन को लेकर गृहमंत्रालय पर कन्फ्यूजन पैदा करने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय गृहसचिव जब भी राज्यों से बात करते हैं तो मौखिक तौर पर आदेश देते हैं, जिसकी वजह से राज्यों को दिक्कतें होती हैं। मजदूरों को छोड़ने के लिए चाहे बस चलाने का मामला रहा हो या फिर कोटा से छात्रों को ले जाने का, ऐसा दिखने को मिला है।

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गहलोत ने यूपी के सीएम योगी द्वारा बसें चलाकर छात्र बुलाने के विषय पर कहा, ''केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राजस्थान सरकार से कहा कि मजदूरों को उत्तर प्रदेश जाने दिया जाए, जिसके बाद हमने उत्तर प्रदेश के गृहसचिव से बात की लेकिन उन्होंने कहा कि हमें लिखित आदेश नहीं मिला, जिसके बाद बसें रुक गईं।'' राजस्थान के सीएम ने कहा कि कोटा के छात्रों को छोड़ने के मामले में भी केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मौखिक तौर पर ही आदेश दिया। इसी के वजह से राज्यों में कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है।

कृपा करके लिखित में गाइडलाइन जारी करे गृहमंत्रालय

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से सभी गाइडलाइंस सिर्फ मौखिक तौर पर दी जा रही हैं। गहलोत ने कहा कि मैं केंद्रीय गृहमंत्री से कहना चाहूंगा कि कृपा करके आप लिखित में गाइडलाइन जारी करवाएं। सीएम गहलोत ने कड़े शंब्दों में बोलते हुए कहा कि गृह मंत्रालय कोई क्राइम कर रहा है क्या जो लिखित में आदेश नहीं दे रहा है। बसें जाएंगी, ट्रेनें चलेंगी या नहीं कोई भी आदेश लिखित और सेंट्रलाइज तौर पर होना चाहिए।

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गहलोत ने प्रधानमंत्री द्वारा राज्य के मुख्यमंत्रियों से की गई वीडियो कन्फ्रेनिसंग का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के साथ भी जब हमारी बात हुई थी तब हमने कहा था कि मेडिकल इक्विपमेंट का काम सेंट्रलाइज होना चाहिए और आपातकाल में मिलने वाली सुविधाओं की छूट भी सेंट्रलाइज होनी चाहिए। इससे राज्य समानरूप से मेडिकल इक्विपमेंट हासिल कर सकेंगे और किसी को चीन और कोरिया जाकर खरीदने के लिए प्रतियोगिता नहीं करनी होगी। इसके अलावा इक्विपमेंट अच्छे मिलेंगे और राज्यों को आवश्यकतानुसार मिल सकेंगे।

लॉकडाउन लगाना आसान खोलना मुश्किल

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लॉकडाउन हटाने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन लगाना आसान है, लेकिन खोलना मुश्किल है। देश में लॉकडाउन को फेज वाइज खोलना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 अप्रैल को जब पीएम के साथ बात होगी तब मैं अपनी बात को उनके समाने रखूंगा। गहलोत ने कहा कि लोग काफी समझदार हैं और सामाजिक दूरी बनाकर रख रहे हैं। इसके अलावा हमने सभी कि लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर रखा है, जिसके नया माहौल पैदा हो रहा है। गहलोत ने कहा कि केंद्र के सहयोग के बिना राज्य काम नहीं कर सकते। देश में हर राज्य की भौगोलिक स्थिति अलग है। यहां सवाल केंद्र का आदेश मानने का नहीं है यहां सवाल लोगों की जान बचाने का है।

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