Adani Group: अडानी के समधी रहे हैं सेबी के मेंबर, 'कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट' पर उठाया जा रहा है सवाल

Adani Group: सेबी की जांच और अडानी के बीच "कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट" पर सवालों को उठाया जा रहा है। क्योंकि गौतम अडानी के एक करीबी रिश्तेदार सेबी की एक कमेटी के मेंबर थे।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2023-02-03 11:10 GMT

अडानी के समधी साइरिल श्रॉफ रहे हैं सेबी के मेंबर: Photo- Social Media

Adani Group: विपक्षी दलों ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मद्देनजर सेबी और आरबीआई द्वारा अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग की है। लेकिन अब सेबी की जांच और अडानी के बीच "कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट" पर सवालों को उठाया जा रहा है। क्योंकि गौतम अडानी के एक करीबी रिश्तेदार सेबी की एक कमेटी के मेंबर थे।

सेबी के मेंबर

सेबी वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, कॉरपोरेट गवर्नेंस पर 2017 की समिति के सदस्यों में से एक साइरिल श्रॉफ का नाम है। साइरिल श्रॉफ कॉर्पोरेट और प्रोजेक्ट फाइनेंस के वकील हैं और साइरिल अमरचंद मंगलडास फर्म के मैनेजिंग पार्टनर भी हैं। साइरिल श्रॉफ की बेटी पारिधि श्रॉफ की शादी गौतम अडानी के बेटे करण अडानी से हुई है। करण, अडानी पोर्ट्स एंड सेज़ लिमिटेड के सीईओ हैं।

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सेबी की कमेटी

कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सेबी की कमेटी की स्थापना जुलाई 2017 में की गई थी। सेबी वेबसाइट की जानकारी के अनुसार और उसी वर्ष अक्टूबर में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। सूत्रों के अनुसार, सामान्य प्रक्रिया यह है कि एक बार समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद इसे भंग कर दिया जाता है। साइरिल श्रॉफ अडानी के सलाहकार भी रहे हैं। उन्होंने अडानी पोर्ट्स के संबंध में और एनडीटीवी तथा अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के मामले में अडानी के सलाहकार के रूप में काम किया था।

साइरिल श्रॉफ की फर्म

साइरिल अमरचंद मंगलदास फर्म की स्थापना 2015 में अमरचंद एंड मंगाल्डस एंड सुरेश ए श्रॉफ एंड कंपनी के विभाजन के बाद हुई थी। ये एक कानूनी फर्म है जिसके 8 शहरों में कार्यालय हैं और उनमें 700 से अधिक वकील काम करते हैं।

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पढ़ाई लिखाई

साइरिल श्रॉफ ने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से बीए एलएलबी किया था। वे 1983 में बॉम्बे हाई कोर्ट में सॉलिसिटर बन गए। पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने और उनके भाई ने फर्म को संभाला। वे धीरे -धीरे आगे बढ़े और इलीट वर्ग के बीच एक प्रतिष्ठा हासिल की। उन्होंने कॉर्पोरेट कानून में अपने काम के लिए प्रशंसा जीती है। उनके पास कॉर्पोरेट और प्रतिभूति कानून, विवाद, बैंकिंग, दिवालियापन, बुनियादी ढांचा, कॉर्पोरेट प्रशासन और अन्य बहुत कुछ में 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

बहरहाल, सेबी में उनकी भागीदारी ने अडानी समूह की मदद कैसे की है, अभी भी खोजा जाना बाकी है। हालांकि, यह रहस्यों के एक बड़े मकड़जाल की तरह दिखता है।

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