आम बजट 2021-22: यहां जानें इसकी परम्परा, क्या होता है 'हलवा सेरेमनी'
वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा। कोरोना महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।
नई दिल्ली: देश का बजट केंद्रीय वित्त मंत्री हर साल पेश करता है। वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा। कोरोना महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। आम बजट छपने की प्रक्रिया शुरू होने पर वित्त मंत्रालय एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करता है जिसको 'हलवा उत्सव' कहते हैं। बता दें कि यह 'हलवा' बड़ी सी कड़ाही में तैयार किया जाता है जिसको कड़ी मशक्कत कर बजट तैयार करने वाले वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच बांटा जाता है।
आईये यहां जानते हैं कि बजट तैयार करने से पहले किन-किन परम्पराओं को निभाया जाता है-
बजट में अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली घोषणाएं और प्रावधान किये जाते हैं
बता दें कि बजट में अगले वित्त वर्ष में सरकार द्वारा किए जाने वाले खर्च के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली घोषणाएं और प्रावधान भी किए जाते हैं। इनमें से कई एलानों का देश के आम आदमी पर सीधा असर पड़ता है। कुछ के चलते उन्हें राहत मिलती है, तो कुछ उनके बजट को गड़बड़ा भी सकती हैं।
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पुरानी परम्परा ख़त्म कर शुरू हुई नई परम्परा
गौरतलब है कि पहले देश का आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे पहली फरवरी को पेश करने की परंपरा शुरू की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विभिन्न औद्योगिक, कर्मचारी और कृषि संगठनों के साथ बजट-पूर्व चर्चा पूरी कर चुकी हैं और अब वह एक फरवरी को लोकसभा में सुबह 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू करेंगी। ऐसे में इस बार का बजट पेश होने से पहले आपके लिए ये बातें जान लेना जरूरी है, वैसे भी इस साल का बजट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में नरमी है, वहीं सरकार का राजकोषीय घाटा भी 10.76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
वित्त मंत्रालय का 'हलवा उत्सव' है ख़ास
हर साल आम बजट छपने की प्रक्रिया शुरू होने पर वित्त मंत्रालय 'हलवा उत्सव' आयोजित करता है। बड़ी सी कड़ाही में तैयार होने वाला हलवा कड़ी मशक्कत कर बजट तैयार करने वाले वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच बांटा जाता है। इस उत्सव बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया के गोपनीय रहने के महत्व को भी रेखांकित करता है।
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ऐसे किया जाता है बजट की गोपनीयता का पालन
'हलवा उत्सव' के तुरंत बाद, बजट प्रक्रिया मे शामिल होने वाले वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों का अपने परिवार और दुनिया से संपर्क खत्म हो जाता है। वे तब तक नॉर्थ ब्लॉक में रहते हैं जब तक कि लोकसभा में बजट पेश नहीं हो जाता। वे अपने परिवार से फोन या किसी और संचार माध्यम जैसे कि ई-मेल, एसएमएस इत्यादि से संपर्क नहीं कर सकते। वित्त मंत्रालय के कुछ शीर्ष अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति होती है।
मोबाइल फोन जैमर लगाए जाते हैं
फोन कॉल इत्यादि को ब्लॉक करने के लिए मोबाइल फोन जैमर लगाए जाते हैं। कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों का इंटरनेट कनेक्शन भी बंद कर दिया जाता है। फोन कॉल सिर्फ लैंडलाइन से की जा सकती हैं और उनकी कड़ी निगरानी होती है।
आर्थिक सर्वेक्षण, वित्त मंत्रालय का मुख्य वार्षिक दस्तावेज होता है
आर्थिक सर्वेक्षण, वित्त मंत्रालय का मुख्य वार्षिक दस्तावेज होता है। मंत्रालय के तहत काम करने वाला आर्थिक मामलों का विभाग हर साल बजट पेश होने से पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण को पटल पर रखता है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में इसे तैयार किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण, असल में बीते वित्त वर्ष का देश का हिसाब-किताब होता है। यह पिछले 12 महीनों में देश के आर्थिक प्रदर्शन का ब्यौरा होता है।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से शुरू होगा बजट सत्र
वित्त मंत्री संसद के बजट सत्र के दौरान पहली फरवरी को बजट पेश करती हैं। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार बजट सत्र अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ होगा, इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाएगा। पहली बार होगा कि जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत होगी तब देश के सांसद तीन अलग-अलग जगहों पर बैठेंगे। वे सभी राज्यसभा, लोकसभा और संसद के केंद्रीय कक्ष में बैठेंगे।
कौन-कौन है बजट तैयार करने वाली टीम में
इस बार देश का बजट बनाने में वित्त सचिव ए बी पांडे, आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज, निवेश एवं लोक परिसंपत्ति विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे, वित्त सेवा सचिव देवाशीष पांडा, व्यय सचिव टी वी सोमनाथन और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम एवं मंत्रालय के अन्य कर्मचारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मदद करेंगे।
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