चोट लगते ही निकल आती हैं इस मासूम की आंखें, गरीबी बनी इलाज में रोड़ा

Update: 2016-05-23 08:04 GMT

लखनऊ: उसको देखते ही उसकी मां फफक-फफक कर रो पड़ती है। जब पिता उसे देखता है, तो वह खुद को कोसता है कि काश वह अपनी बेटी का इलाज करवा पाता। लोग अक्‍सर ही कहते हैं कि इंसान को उसके कर्मों की सजा इसी जनम में भुगतनी पड़ती है। पर उसके मां-बाप की नजरें हर किसी से यही पूछती हैं कि आखिर उनकी बेटी ने ऐसा क्‍या किया है, जो उसे ये सजा मिल रही है। क्‍यों उसे भगवान ने ऐसी बीमारी दे दी है कि हम उसका इलाज करवाने के पैसे तक नहीं जुटा पा रहे। इंसान बीमारियों के आगे कभी-कभी कितना मजबूर हो जाता है। वो चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाता। ऐसे में जब बीमारी किसी बच्‍चे को हो, तो उसका दुख दर्द तो बयां ही नहीं किया जा सकता है।

देखने वालों को लगती है एलियन जैसी

-कुछ ऐसी ही अजीबोगरीब बीमारी से एक सात साल की लड़की जूझ रही है।

-देखने में ये लोगों को ऐलियन जैसी भले ही लगती है।

-लेकिन इसके मां-बाप इसका इलाज करवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

-उनकी आंखों में बस बेबसी दिखाई देती है।

शैली

क्‍या है बीमारी

-बिहार की राजधानी पटना के गर्दनीबाग की रहने वाली 7 साल की शैली को क्रोजन सिंड्रॉम नामक बीमारी है।

-गरीबी की वजह से उसके मां-बाप शैली की आंखों का इलाज नहीं करा सके हैं।

-शैली की इस अजीब तरह की बीमारी को देख उसके माता-पिता का कलेजा मुंह को आ जाता है।

मां के साथ शैली

चोट निकलते ही बाहर सी आ जाती हैं आंखें

-उसके मां बाप का कहना है कि इतने प्यार से जिसे पाला, उसकी ये बेबसी उनसे देखी नहीं जाती।

-दिन रात भगवान से वे बस एक ही प्रार्थना करते रहते हैं कि कैसे भी करके भगवान बिटिया को उसका बचपन लौटा दें।

-शैली की असाधारण दिखने वाली बड़ी आंखों में जरा सी भी चोट लगते ही बाहर निकल आती हैं। -वह दर्द से तड़पने लगती है।

-आर्थिक रूप से कमजोर परिजनों को अब सरकार से मदद की दरकार है ताकि बेटी के आंखों का इलाज हो सके।

शैली

नहीं निकलती है घर से बाहर

-शैली की आंखें असाधारण और तकलीफ देने वाली हैं।

-आंखों के कारण शैली न तो स्कूल जाती है और ना ही घर से बाहर निकलती है।

-घर से बाहर निकलते ही यह लोगों के बीच कौतूहल बन जाती है।

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