पणजी। समुद्र तट पर फैले कचरे के बदले बीयर देने की पहल गोवा में शुरू की गई है। इस पहल का मकसद गोवा आने वाले पर्यटकों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना और समुद्र तटों को साफ-सुथरा रखना है। 'वेस्ट बार' का आइडिया 'दृष्टि मरीन' नामक एक निजी बीच प्रबंधन एजेंसी का है, जिसे प्रदेश के पर्यटन मंत्रालय ने गोवा के समुद्र-तटों पर कचरे के संकट से निजात दिलाने के काम में लगाया है। इसकी शुरुआत 30 जनवरी को की गई और उत्तरी गोवा के बागा बीच स्थित प्रसिद्ध टीटो लेन पर जंजीबार शैक में वेस्ट बार खोले गए।
'दृष्टि मरीन' के साथ मिलकर अभियान की संकल्पना करने वाली नोरीन वैन होल्स्टीन बताती हैं कि 'लोगों को गोवा की दो चीजें आकर्षित करती हैं - बीच और बार। इसलिए, लोग जिन चीजों के लिए यहां आते हैं वह उनको दीजिए। कचरा जमा करने के बदले उनको मुफ्त में पीने को मिलता है। इससे वह बीच पर कचरे को लेकर जागरूक हो जाते हैं क्योंकि कचरे का मूल्य होता है। लोग गोवा से अच्छे अहसास के साथ लौटते हैं।'
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वैन होल्स्टीन के अनुसार, वेस्ट बार की शुरुआत कुछ साल पहले नीदरलैंड में की गई और यह आइडिया लोकप्रिय बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिगरेट के टोंटे और बोतलों के ढक्कनों के अलावा इस्तेमाल किए गए पांच प्लास्टिक स्ट्रॉ के लिए आपको एक बोतल ठंडी बीयर और कॉकटेल मिलेगा। आने वाले कुछ महीनों में कई जगहों पर 'वेस्ट बार' नजर आएंगे। गोवा के समुद्रतट पर हर साल करीब 80 लाख पर्यटक आते हैं। पिछले कुछ वर्षो से बीचों पर कचरे का अंबार लगने लगा है, जो चिंता का विषय बन गया और बीचों को साफ-सुथरा और कचरा मुक्त रखने के लिए एक निजी एजेंसी को नियुक्त किया गया।
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कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों पर सरकार कचरे के संकट से निबटने में लाचार महसूस करने लगी थी और यह गोवा के पर्यटन उद्योग के लिए चिंता का सबब बन गया, क्योंकि पर्यटकों के आगमन में कमी होने लगी थी। 'दृष्टि मरीन' के सीईओ रविशंकर ने बताया, 'पिछले पर्यटन सीजन में हमने समुद्र तट को साफ-सुथरा रखने को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए 150 से अधिक दिनों तक काफी सफल अभियान चलाया, जिसमें लोगों को कचरे को अलग-अलग करने के महत्व के बारे में बताया गया। इस दिशा में हमने काफी सकारात्मक प्रभाव पैदा किया और इस सीजन में भी अभियान चलाने का फैसला लिया है।' अभियान के दौरान संगठन द्वारा संचालित कार्यशालाओं में इकट्ठा किए गए कचरे का उपयोग करके संगीत के उपकरण समेत विभिन्न प्रकार के उपयोगी सामान बनाए गए।