सोने-चांदी के रेट: हुआ ये बड़ा बदलाव, लॉकडाउन का दिखा असर

सोने-चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने से घरेलू सर्राफा बूाजार में सोने के दाम बढ़ गए है।

Update:2020-06-09 17:59 IST

नई दिल्ली: भले ही सरकार ने लॉकडाउन को खोल दिया हो और उसकी जगह पर अनलॉक को शुरू कर दिया हो, लेकिन लॉकडाउन का असर अभी भी बरकार है। जिसके चलते बाजार में चीजों के दाम लगातार बाढ़ रहे हैं। और लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। इसी के चलते अब लगातार दूसरे दिन भी सोने-चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने से घरेलू सर्राफा बाजार में सोने के दाम बढ़ गए है।

सोना 402 और चांदी में 893 रूपए की बढ़ोत्तरी

लॉकडाउन के असर के चलते सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोत्तरी लगातार हो रही है। इसी क्रम में मंगलवाल को दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमतें 402 रुपये तक बढ़ गई। वहीं, चांदी की कीमतों में 893 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों में अब तेजी थम सकती है। क्योंकि शेयर बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है। ऐसे में निवेशक शेयर बाजार में अपना निवेश बढ़ा सकते है। मंगलवार को कीमतों में बढ़ोत्तरी के बाद अब राजधानी दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमत 46,833 रुपये से बढ़कर 47,235 रुपये हो गई है।

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इस दौरान कीमतों में 402 रुपये की तेजी आई है। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें बढ़कर 1705 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। वहीं अगर सिल्वर यानी चांदी की कीमतों की बात करें तो चांदी के दामों में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। चांदी की कीमत राजधानी दिल्ली में 48,451 रुपये से बढ़कर 49,344 रुपये हो गई है। इस दौरान चांदी के दाम 893 रुपये तक बढ़ गए। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चांदी की कीमतें 17.63 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है।

सोना खरीदने से पहले जानें ये नए नियम

इसी के साथ सोना खरीदने वालों के लिए एक और खबर भी है। दरअसल ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने 1 जनवरी 2020 से सोने की शुद्धता मापने के नियमों में परिवर्तन कर दिया है। बीआईएस द्वारा किए गए परिवर्तन के बाद देश में सोने की शुद्धता में चार गुना सुधार होने की संभावना जताई जा रही है। अब भारत में सोने की ज्वेलरी और कलाकृतियों के लिए BIS हॉल मार्किंग अनिवार्य हो गया है। बीआईएस के नए नियम के मुताबिक देश में हॉलमार्क सोने की ज्वैलरी अब तीन ग्रेड 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट में उपलब्ध होगी।

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हॉलमार्की की गई ज्वैलरी पर अब 4 तरह के निशान मौजूद रहेंगे। पहला, बीआईएस मार्क, दूसरा प्योरिटी(कैरेट में), तीसरा सोने में खारापन (उदाहरण 22 कैरेट सोने के लिए 22के916) और चौथा ज्वैलर्स के निशान के साथ-साथ हॉलमार्किग सेंटर की पहचान। भारत में हॉलमार्किंग प्रक्रिया न सिर्फ गोल्ड मॉनेटाईजेशन स्कीम को सफल बनाने के लिए की जाती है बल्कि इसके सहारे देश से सोने की ज्वैलरी के निर्यात को मौजूदा 8 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर अगले पांच सालों में 40 बिलियन डॉलर तक ले जाना भी है।

ज्वैलर्स को मिला 1 साल का मौका

ऐसे में सवाल ये उठाता है कि आखिर इस नए नियम को लागू करने की जरुरात ही क्या पड़ी। इसके लिए आपको बता दें कि हाल ही में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने भारत में हॉलमार्क किए गए सोने की शुद्धता अलग-अलग पाई थी। जिसके बाद काउंसिल ने दावा किया था कि देश में महज 30 फीसदी ज्वैलरी हॉलमार्क की हुई है। काउंसिल ने इसके लिए देश के हॉलमार्किंग केन्द्रों की भूमिका पर भी सवाल उठाया था। ज्वेलर्स को इसके लिए एक साल का वक्त दिया जाएगा।

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सरकार द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहकों को शुद्ध सोना मिल सके। सरकार द्वारा इस नियम के लागू किए जाने के बाद देश में कहीं भी बिना BIS हॉल मार्किंग के सोने की ज्वेलरी नहीं बेची जा सकेगी। सरकार ने कहा है कि ज्वेलर्स को एक साल में पुराने स्टॉक को खत्म करना होगा। बता दें कि भारतीय मानक ब्यूरो के 234 जिलों में 877 केंद्र खोले गए हैं। मौजूदा समय में केवल 26,019 ज्वेलर्स के पास ही हॉलमार्का प्रमाणित होता हैं। देशभर में छोटे बड़े 6 लाख ज्वेलर्स हैं।

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