पेटू का भूखा पेट: 10-10 लोगों का खाता खाना, फिर भी नहीं कम होती भूख

बिहार से एक बड़ा ही अनोखा और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। ये मामला बिहार के बक्सर के क्वारनटीन सेंटर का है। यहां सेंटर में रह रहे युवक की भूख ने सबको हैरान करके रख दिया है।

Update: 2020-05-27 10:56 GMT

नई दिल्ली। बिहार से एक बड़ा ही अनोखा और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। ये मामला बिहार के बक्सर के क्वारनटीन सेंटर का है। यहां सेंटर में रह रहे युवक की भूख ने सबको हैरान करके रख दिया है। इस युवक की वजह से क्वारनटीन सेंटर के अन्य लोगों के लिए भोजन का इंतजाम करना मुश्किल हो गया। इस युवक के लिए खाने का इंतजाम करना क्वारनटीन सेंटर की देखरेख में जुटे लोगों के लिए बड़ी हिम्मत का काम करना है।

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अकेले ही 10 लोगों का खाना

क्वारनटीम सेंटर में इस युवक की चर्चाएं होने के साथ ही बाहर भी यही हाल बना हुआ है। इसकी खुराक ने लोगों को हैरान कर दिया है। ये युवक अकेले ही 10 लोगों का खाना खा जाता है।

युवक के नाश्ते में 40 रोटी और कई प्लेट चावल खाता हैं। इस युवक का नाम अनूप ओझा है। जोकि बिहार के मझवारी क्वारनटीन सेंटर में है। ये युवक अपनी भूख और खाने के लिए प्रसिध्द हो रहा है।

ऐसे में क्वारनटीन सेंटर के लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले खाने में लिट्टी बनी थी। 60 लिट्टी के खाने के बाद भी अनूप का पेट नहीं भरा था।

अनूप के पेट की भूख ने पूरे माहौल में हड़कंप मचा दिया है कि ये दस लोगों का खाना अकेले ही खा जाता हैं। अनूप खुद कहते हैं कि वो 30-32 रोटी से नाश्ता करते हैं फिर एक दिन अकेले ही 25 लिट्टी खा गए थे।

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ज्यादातर खाना कम पड़ जाता

इसके साथ ही अनूप के ज्यादा खाना खाने की बात पर उस क्वारनटीन सेंटर के लोग बताते हैं कि क्वारनटीन सेंटर में जब खाना बनता है तो ज्यादातर खाना कम पड़ जाता है।

आगे बताते हुए- अनूप अकेले कभी-कभी दस लोगों का कहना खा जाते हैं। जिसकी वजह से दोबारा खाना बनाने की मशक्कत करनी पड़ती थी। ऐसे लोग उनको दबी जुबान में क्वारनटीन सेंटर का कुंभकर्ण भी कहते हैं।

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बड़ी चुनौती को जीतने से कम नहीं

मिली जानकारी के अनुसार, अनूप एक हफ्ते पहले क्वारनटीन सेंटर आए थे। रोजी रोटी और नौकरी की तलाश में राजस्थान गए थे। लॉकडाउन की वजह से घर वापस आए तो क्वारनटीन सेंटर में 14 दिन के लिए रख दिया गया।

वहीं अब क्वारनटीन सेंटर में उनकी भूख के लिए खाने का इंतजाम करना किसी बड़ी चुनौती को जीतने से कम नहीं है। हालांकि अनूप ओझा की खाने की चर्चा अब पूरे बक्सर के लिये जोरो-शोरो से फैली हुई है।

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