गोवर्धन पूजा की धूम: दिवाली के दूसरे दिन मनाया गया ये पर्व
गोवर्धन के पर्व पर लोग इसमें अन्न का दान देते हैं। आपको बता दें कि यह परम्परा भगवान श्री कृष्ण के गोवर्धन की पूजा की जाती है।
लखनऊ : गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। आपको बता दें कि श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठ उंगली से गोवेर्धन पर्वत को उठाकर भारी बारिश से ब्रजवासियों की रक्षा की थी। तब से गोवर्धन पूजा करने का प्रचलन शुरू हुआ। आपको बता दें कि इस त्योहार को लोग दिवाली के दूसरे दिन मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुकल पक्ष में मनाया जाता है। आपको बता दें कि कुछ लोग इसे अन्नकूट के रूप में भी मानते हैं।
दिवाली के दूसरे दिन मनाई जाती है गोवर्धन पूजा
गोवर्धन के पर्व पर लोग इसमें अन्न का दान देते हैं। आपको बता दें कि यह परम्परा भगवान श्री कृष्ण के गोवर्धन की पूजा की जाती है। इस पर्व लोग 56 अन्न का भोग चढ़ाने की परम्परा है। अन्नकूट को दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि जो गोवर्धन की पूजा पूरे विधि विधान से करता है उस पर साक्षात श्री कृष्ण की कृपा होती है।
गोवर्धन की पूजा विधि
गोवर्धन की पूजा पर जानते हैं कैसे इस पूजा को विधि अनुसार करते हैं। आपको बता दें कि इस पूजा में गाय के गोबर से चौक और पर्वत को बनाएं। इसके बाद अच्छी तरह सुंदर फूलों से सजाएं। अब रोली, चावल, खील, बताशे, जल, दूध, पान, केसर के साथ दीप जलाकर भगवान गोवर्धन की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि जब पूजा संपन्न हो जाए तो भगवान गोवर्धन की सात बार परिक्रमा को जरूर करें।
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56 अनाज का अन्नकूट की परम्परा
गोवर्धन पूजा को लोग बड़े अच्छे से अपने घरो में बनाते हैं। लोग अपने घरो के बाहर गोवर्धन बनाकर रखते हैं। इस पूजा से श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है। गोवर्धन पूजा को हमेशा से दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस पूजा को करने से घर में समृद्धि बनी रहती है। इस पर्व पर अन्नकूट भी बाटा जाता है। इस अन्नकूट में कम से कम 56 अनाज को चढ़ाने की परम्परा है।
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