Gujarat Morbi Bridge Collapse: SC में PIL दाखिल, रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच कराने और नियमों में सख्ती की मांग

Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात सरकार अपने स्तर से इस हादसे की जांच पड़ताल में जुटी हुई है तो दूसरी ओर यह मामला अब देश की शीर्ष अदालत में पहुंच गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-11-01 03:59 GMT

Gujarat Morbi Bridge Collapse (photo: social media )

Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस दर्दनाक हादसे को लेकर देश की शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मांग की गई है कि इसे हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया जाए। इसके साथ ही भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाने की भी मांग की गई है। मच्छु नदी पर बने पुल के टूटने से करीब 134 लोगों की मौत हो गई थी।

इस हादसे में करीब 100 लोग घायल हुए हैं। इस मामले में पुलिस ने झूलते हुए पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा के दो अफसरों, दो टिकट विक्रेता और तीन सुरक्षाकर्मियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। दुर्घटना का प्रथमदृष्टया कारण पुल के रखरखाव में कमी को माना जा रहा है।

नियमों को सख्त बनाने की मांग

गुजरात सरकार अपने स्तर से इस हादसे की जांच पड़ताल में जुटी हुई है तो दूसरी ओर यह मामला अब देश की शीर्ष अदालत में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में विशेष जांच दल का गठन किया जाए। याचिका में यह भी मांग की गई है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए देशभर में पुराने पुलों और स्मारकों पर भीड़ को मैनेज करने के लिए नियमों को सख्त बनाया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी की ओर से दाखिल की गई इस जनहित याचिका में कहा गया है कि इस हादसे की सच्चाई पूरे देश के सामने उजागर होनी चाहिए। इसके लिए इस मामले की गहराई से जांच पड़ताल जरूरी है। याचिका में उन्होंने यह भी मांग की है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाने जरूरी है।

कल राज्यव्यापी शोक की घोषणा

इस हादसे को लेकर मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे गुजरात में काफी गमगीन माहौल दिख रहा है। गुजरात सरकार की ओर से 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक मनाने का फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को इस हादसे के बाद पैदा हुई स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस बैठक में मोरबी हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक मनाने का फैसला किया गया था। प्रधानमंत्री ने हादसे के पीड़ितों और घायलों को राहत पहुंचाने के लिए मुकम्मल व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया था।

प्रधानमंत्री ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि अपने जीवन में मैंने कभी ऐसा दुख महसूस नहीं किया। प्रधानमंत्री आज मोरबी का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री हादसे के पीड़ितों से मुलाकात भी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री के अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात करने की भी उम्मीद है।

इस कारण हुआ हादसा

राज्य सरकार की ओर से इस हादसे की जांच पड़ताल की जा रही है। गुजरात पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि पुल के दो सस्पेंशन केबल में से एक के टूटने के बाद यह हादसा हुआ। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि फिटनेस सर्टिफिकेट की कमी समेत तकनीकी और ढांचागत खामियों के कारण यह हादसा हुआ।

इस मामले में अभी तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा पर भी केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। अज्ञात लोगों पर भी आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

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