इतिहास की अनगिनत यादें समेटे है पीएम मोदी का वडनगर

Update: 2017-10-08 09:34 GMT

वडनगर: गुजरात का वडनगर कस्बा जो सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान ही नहीं बल्कि इतिहास की अनगिनत यादें समेटे एक प्राचीन नगर है।

इस नगर का अतीत भव्यता से पूर्ण था। वडनगर में भगवान की बुद्ध की गुफाएं और सोलंकी शासकों के बनवाए स्मारक भी हैं। यहां एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शर्मिष्ठा झील है और सीढ़ियों वाला कुआं भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है।

वडनगर का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा है। बताया जाता है कि इसे पहले आनंदपुरा के नाम से जाना जाता था। महाभारत काल में अनार्ता राजवंश का शासन था। आखिरी बार अनार्ता शासन का जिक्र 7वीं शताब्दी में मिला है जब चाइनीज यात्री शुआंगजांग यहां आए थे।

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आनंदपुरा को अब वडनगर के नाम से जाना जाता है। इसे ब्राह्मणों का नगर भी कहा जाता था। 2009 में पुरातत्व विभाग को वडनगर में 4 किलोमीटर लंबा दुर्ग भी मिला है। कहा जाता है कि वडनगर पहले गुजरात की राजधानी हुआ करता था। शहर छह गेटों से घिरा है, हर एक गेट का नाम अर्जुन बारी, नादीओल, अरथोल, घसकोल, पिथोरी और अमरथोल है। वहीं कपिला नदी भी वडनगर से होकर गुजरती है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने संबोधन में पुरातत्व विभाग की ओर से कराई गई खुदाई का भी जिक्र किया और कहा कि चीनी यात्री हुवे स्वांग यहां आए और कई महीने रूके । उन्होंने अपने किताब में भी इसका जिक्र किया जिसका नाम उसवक्त इसका नाम आनंदपुर था । पीएम मोदी ने कहा कि चीन के पीएम जब गुजरात आए थे तो वडनगर भी आए ओर कहा कि हमदोनों में एक समानता है ।

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