Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में सुनवाई पूरी, 3 अगस्त को आएगा हाईकोर्ट का फैसला, तब तक सर्वे पर रहेगी रोक

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी सर्वे मामले पर हाईकोर्ट कोर्ट 3 अगस्त को फैसला सुनाएगा। हिन्दू पक्ष का कहना है कि एएसआई ने डिटेल में अपना एफिडेविट दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बिना ढांचे को क्षति पहुचाए सर्वे किया जाएगा।

Update: 2023-07-27 12:05 GMT
Gyanvapi Case (Social Media)

Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार (27 जुलाई) को सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। अब इस मामले में हाईकोर्ट 3 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तब तक के लिए सर्वे पर रोक लगा दी है। अर्थात, अब 3 अगस्त, 2023 तक अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा।

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वे के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी समिति (Gyanvapi Samiti) की उस याचिका को बहाल किया, जिसका उसने मस्जिद परिसर में ASI के काम पर रोक लगाई थी। वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि, विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे किया जाए।

विष्णु जैन- भारत के मंदिरों को कई बार तोड़ा गया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन (Advocate Vishnu Jain) ने कहा कि, '3 अगस्त तक फैसला रिजर्व रखा गया है। तब तक स्टे (Gyanvapi Survey Stay) जारी रहेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कहा है कि सर्वे से इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।' विष्णु जैन ने कहा, मुहम्मद गजनवी से लेकर कई बार भारत के मंदिरों को तोड़ा गया। ज्ञानवापी से पहले भी मंदिर ही था। आजादी के बाद सभी को पूजा अधिकार (worship right) मिला।'
हाई कोर्ट- तोड़ा गया तो वहां अभी मंदिर कैसे?

विष्णु जैन ने कहा, 'ज्ञानवापी भवन पुराना हिंदू मंदिर है। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि, तोड़ा गया तो वहां अभी मंदिर कैसे? इस पर विष्णु जैन बोले, 'इसे अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) ने बनवाया है। औरंगजेब (Aurangzeb) ने मंदिर तोड़ने के बाद मस्जिद का निर्माण शुरू कराया था। मगर, वह पूरा नहीं हो सका था। यह सिर्फ मौजूदा स्वरूप है। यहां आज 'विशेश्वर' विराजमान हैं। जिनकी सदियों से पूजा हो रही है।'
विष्णु जैन ने राम मंदिर केस का दिया हवाला

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा, 'सर्वे आदेश में अदालत ने कहा है कि ASI के पास इंस्ट्रूमेंट है। जांच की जा सकती है। विशेषज्ञ इंजीनियर ASI के पास हैं। उन्होंने अयोध्या मामले का हवाला दिया। कहा, राम मंदिर केस में भी ऐसा ही किया गया है। पिछले साल हुई कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान विवादित परिसर में हिंदू आकृतियों के होने की तस्वीरें अदालत के सामने पेश की गई।'

'ज्ञानवापी परिसर में संस्कृत के श्लोक लिखे हैं'

हिन्दू पक्ष के वकील ने तस्वीरें मुस्लिम पक्ष के वकील फरमान नकवी (Farman Naqvi) को भी दिखाई। अदालत ने सुनवाई के दौरान विष्णु जैन ने कहा कि, 'ज्ञानवापी परिसर के अंदर संस्कृत के श्लोक लिखे हैं। पुराने शिवलिंग हैं। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में हमारी अर्जी के साथ परिसर की पश्चिमी दीवार की फोटो भी लगाई गई है। कई कलाकृतियां भी परिसर में मिली हैं। ये दावा करती हैं कि यहां मंदिर रहा है।'

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