Haldwani Violence Update: दंगाईयों के खिलाफ रासुका के तहत होगी कार्रवाई, उत्तराखंड सरकार ने लिया सख्त फैसला
Haldwani Violence Update: दंगाईयों को देखते हुए गोली मार देने के आदेश हैं। वहीं, तनाव को देखते हुए जिले के सभी दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
Haldwani Violence Update: उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान गुरुवार को भारी बवाल हो गया। मदरसा और उससे लगी एक इमारत, जिसमें नमाज पढ़ा जाता था, नगर निगम प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर उसे बुलडोजर से ढहा दिया। इस कार्रवाई को लेकर हिंसा भड़क उठी और उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया, आगजनी की। घटना को लेकर इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। डीजीपी अभिनव कुमार ने गुरुवार को हुई हिंसक घटना में पांच लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
वहीं, 250 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें 100 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर दंगाईयों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है। राज्य पुलिस की ओर से आम जनता शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई है। बता दें कि हिंसाग्रस्त इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ है। दंगाईयों को देखते हुए गोली मार देने के आदेश हैं। वहीं, तनाव को देखते हुए जिले के सभी दुकानों और स्कूलों को बंद रखने का आदेश है। इंटरनेट पर भी रोक लगा दी गई है।
हमले की पहले से थी प्लानिंग – नैनीताल डीएम
गुरुवार की घटना पर नैनीताल कलेक्टर वंदना सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कल की कार्रवाई के सारे वीडियो मौजूद हैं, जिन्हें देखकर स्पष्ट होता है कि पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी द्वारा कोई उकसावे वाला कृत्य नहीं किया गया। सिंह ने कहा कि ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा, उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा। उनकी ओर से हिंसा में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है।
नैनीताल डीएम ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और जिसके कारण अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों का धुएं से दम घुटने लगा। जिसके बाद पुलिस को थाने की सुरक्षा के लिए आंसू गैस और पानी का बौछार करना पड़ा।
दंगाइयों और उपद्रवियों के विरुद्ध करेंगे कठोरतम कार्रवाई – सीएम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार की घटना पर सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि दंगाइयों और उपद्रवियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एक्स पर लिखा, हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना के संबंध में शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। पुलिस को अराजक तत्वों से सख़्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। आगजनी पथराव करने वाले एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है, सौहार्द और शांति बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा। हल्द्वानी की सम्मानित जनता से अनुरोध है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें।
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सी को भी अपने हाथ में कानून लेना का अधिकार नहीं है चाहे धार्मिक स्थिति हो या कोई और कारण हो। उत्तराखंड में उत्तराखंड की सरकार सक्षम है, अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो उससे निपटने की तैयारी भी सरकार ने कर ली है।
कैसे शुरू हुई हिंसा ?
खबरों के मुताबिक, हल्द्वानी के बलनभूलपुरा थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर इलाके में मलिक के बगीचे में एक मदरसा और नमाज स्थिल का निर्माण किया गया था। नगर निगम के मुताबिक, इसे तीन एकड़ जमीन का अतिक्रमण कर बनाया गया था, जिसे खाली करने के लिए 30 जनवरी को नोटिस भी सर्व किया गया था। जिसके खिलाफ मदरसा चलाने वाली संस्था हाईकोर्ट गई थी मगर उच्च न्यायालय ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
जिसके बाद 8 फरवरी को नगर निगम की टीम जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने मौके पर पहुंची। जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए, इनमें महिलाएं भी शामिल थीं।
वह कार्रवाई का विरोध करते हुए मौके पर मौजूद अधिकरियों और पुलिसकर्मियों से बहस कर रही थीं। देखते ही देखते भीड़ उग्र हो गई और पत्थरबाजी शुरू कर दी। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना को चारों तरफ से घेर लिया। कई गाड़ियों को फूंकने के बाद ट्रांसफार्मर में भी आग लगा दी, जिसके कारण पूरे इलाके में बिजली ठप हो गई। उपद्रवियों के हमले में एसडीएम, पुलिसकर्मी, निगमकर्मी और पत्रकार भी चोटिल हुए। हालात को नियंत्रण के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
स्कूल-दुकान-इंटरनेट सब बंद
हिंसाग्रस्त बलनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पूरा हल्द्वानी शहर छावनी में तब्दील है। जिले में पुलिस, पीएसी और अद्धसैनिक बलों के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। हालात को देखते हुए इंटरनेट से लेकर दुकान और स्कूलों तक को बंद रखने का आदेश दिया गया है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अत्यधिक आवश्यक कार्य होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें।
दंगाईयों से की जाएगी क्षतिपूर्ति
गुरुवार को हुई हिंसा में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। फिलहाल प्रशासन इसका आकलन करने में जुटा है। वहीं, पुलिस उपद्रवियों की तलाश कर रही है। नैनीताल डीएम ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। घटना का वीडियो मौजूद है, उसकी मदद से उपद्रवियों की शिनाख्त की जा रही है। शहरभर में दंगाईयों के पोस्टर लगाए जाएंगे और हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई उन्हीं से की जाएगी।