मांझी की पार्टी HAM का ऐलान- बंगाल में 26 विधानसभा सीट पर लड़ेंगे चुनाव

जीतन राम मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चाहेंगे कि पश्चिम बंगाल में एनडीए एक साथ लड़े। यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड में पार्टी के संगठन को मजबूत किया जाएगा।

Update: 2021-01-08 10:13 GMT
जीतन राम मांझी ने कहा कि कृषि कानून में कोई खिलाफत की बात नहीं है, पर किसानों के आंदोलन को कैसे भी केंद्र सरकार को शीघ्र समाप्त करानी चाहिए।

नई दिल्ली: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पश्चिम बंगाल में 26 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ये ऐलान पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने किया है।

बता दें कि इससे पहले बुधवार को हम पार्टी की बैठक मांझी के आवास पर बुलाई गई थी। बैठक की अध्यक्षता हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने की थी।

बैठक में सर्व सम्मति से ये निर्णय हुआ कि जीतन राम मांझी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आगे भी बने रहेंगे।

साथ ही बंगाल में चुनाव को लेकर जल्द ही वहां पर वहां आमसभा की जाएगी।

जीतनराम मांझी (फोटो: सोशल मीडिया)

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बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने की जताई इच्छा

जीतन राम मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चाहेंगे कि पश्चिम बंगाल में एनडीए एक साथ लड़े। यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड में पार्टी के संगठन को मजबूत किया जाएगा।

घोषणा की कि पार्टी की राष्ट्रीय और राज्य कमेटी नई बनेगी, जिसके लिए चुनाव होंगे। निजी क्षेत्रों और न्यायिक सेवा में उन्होंने आरक्षण की मांग की है।

कहा है कि कृषि कानून में कोई खिलाफत की बात नहीं है, पर किसानों के आंदोलन को कैसे भी केंद्र सरकार को शीघ्र समाप्त करानी चाहिए।

बीजेपी (फोटो: सोशल मीडिया)

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ममता बनर्जी ने राज्यपाल से की मुलाकात

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक साल बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राजभवन में जाकर मुलाकात की।

सचिवालय सूत्रों ने इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया है और कहा है कि मुख्यमंत्री राज्यपाल को नववर्ष की शुभकामनाएं देना चाहती थीं।

मुख्यमंत्री व राज्यपाल की यह मुलाकात करीब एक घंटे चली। इस दौरान दोनों के बीच काफी बातें भी हुई हालांकि ये बातें अभी तक सामने नहीं पाई हैं।



जानें इस मुलाकात के सियासी मायने

राज्यपाल व सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच खराब होते रिश्तों की पृष्ठभूमि में ममता बनर्जी की धनखड़ से मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि बंगाल में इस वर्ष विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं।

राज्यपाल राज्य की कानून व्यवस्था, शासन, स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की संभावना व अन्य मुद्दों पर अकसर ट्वीट करते रहे हैं। सियासी जानकारों की मानें तो राज्यपाल द्वारा बार-बार सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाना कही टीएमसी को चुनाव के समय भारी न पड़ जाए।

इस डर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से मुलाकात की है। इस मुलाकात को दोनों के बीच खराब होते रिश्ते को सुधारने की दिशा में ममता बनर्जी की तरफ से एक कोशिश के तौर पर भी देखी जा सकती है लेकिन चुनावी एंगल ज्यादा अहम माना जा रहा है।

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