Haryana Election 2024 : कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर, कुमारी शैलजा ने बनाई चुनाव प्रचार से दूरी, कांग्रेस के पोस्टरों से भी गायब

Haryana Election 2024 : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होने वाला है मगर इसके बावजूद कुमारी शैलजा पूरी तरह निष्क्रिय बनी हुई है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-09-20 16:43 IST

Haryana Election 2024 : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर पहुंच है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने चुनाव प्रचार से पूरी तरह दूरी बना रखी है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होने वाला है मगर इसके बावजूद कुमारी शैलजा पूरी तरह निष्क्रिय बनी हुई है। इसे शैलजा की नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस के पोस्टरों में भी शैलजा का चेहरा नहीं दिख रहा है।

दरअसल विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की खूब चली है। प्रयास करने के बावजूद कुमारी शैलजा अपने कई समर्थकों को टिकट नहीं दिला सकी है। विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बावजूद पार्टी ने शैलजा को टिकट नहीं दिया था। इन दिनों वे हरियाणा में कांग्रेस के प्रचार से दूर दिल्ली में आराम फरमा रही हैं। ऐसे में हरियाणा कांग्रेस के चुनाव प्रचार में हुड्डा गुट पूरी तरह प्रभावी दिख रहा है।

शैलजा चुनाव प्रचार से गायब, हुड्डा गुट हावी

हरियाणा कांग्रेस की राजनीति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे हैं। अब विधानसभा के चुनाव के दौरान दोनों की तनातनी और खुलकर सामने आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के चुनाव प्रचार में पूरी तरह हावी नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर शैलजा चुनावी परिदृश्य से पूरी तरह गायब हैं।

कई कांग्रेस नेता पार्टी में चल रही इस तनातनी पर चिंता भी जता रहे हैं। उनका कहना है कि शैलजा के चुनाव प्रचार से दूरी बनाने के कारण पार्टी का चुनाव अभियान प्रभावित हो सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा से जीत हासिल करने वाली कुमारी शैलजा ने अभी तक इस बाबत खुलकर कोई बयान नहीं दिया है।

समर्थकों के टिकट काटे जाने पर नाराज

सियासी जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे से दोनों गुटों की तनातनी काफी ज्यादा बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान की खूब चली है। उदयभान को हुड्डा समर्थक माना जाता रहा है और इस तरह हुड्डा अपने अधिकांश करीबियों को टिकट दिलाने में कामयाब हुए हैं।

शैलजा कुछ ही सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिला सकी है। शैलजा के कई समर्थक टिकट काटे जाने के कारण मायूस और उदास दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण नाराजगी में उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है।

चुनाव प्रचार शुरू होने से पूर्व शैलजा ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी भी ठोकी थी। दूसरी ओर हुड्डा का गुट कांग्रेस के चुनाव जीतने की स्थिति में हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खुलकर वकालत कर रहा है।

भाजपा की फायदा उठाने की कोशिश

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। भाजपा कांग्रेस में चल रही इस खींचतान का सियासी फायदा उठाने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा ने दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाली शैलजा की कांग्रेस में अनदेखी को लेकर सवाल भी उठाए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आरोप लगाया है कि हुड्डा दलित विरोधी हैं और इसी कारण कुमारी शैलजा की अनदेखी की जा रही है।

राज्य के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी आरोप लगाया है कि कांग्रेस के ताकतवर लोगों ने पार्टी में दलित की बेटी को दबा दिया है। शैलजा की अनदेखी के कारण कांग्रेस को नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है।

शैलजा कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। मीडिया की ओर से किए जा रहे अनदेखी के सवालों पर उन्होंने पूरी तरह चुप्पी साथ रखी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में कुमारी शैलजा चुनाव प्रचार को लेकर क्या रुख अपनाती हैं।

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