Haryana Election 2024: हरियाणा में खट्टर किनारे, नायब सिंह सैनी को अहमियत दे रही BJP, जानिए क्या है सियासी समीकरण

Haryana Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक हरियाणा में दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया है और इन दोनों रैलियों में नायब सिंह सैनी फ्रंट फुट पर खट्टर का चेहरा रैलियों में नहीं दिखा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-09-26 14:19 IST

Naib Singh Saini, Manohar Lal Khattar  (photo: social media )

Haryana Election 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को काफी अहमियत दी जा रही है। सैनी को भाजपा की ओर से सीएम चेहरा भी बनाया गया है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पार्टी की ओर से ज्यादा भाव नहीं दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक हरियाणा में दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया है और इन दोनों रैलियों में नायब सिंह सैनी फ्रंट फुट पर दिखे जबकि खट्टर का चेहरा इन दोनों रैलियों में नहीं दिखा। दरअसल भाजपा की यह सोची समझी रणनीति है और पार्टी सैनी का चेहरा सामने लाकर कांग्रेस को पटखनी देने की कोशिश कर रही है।

ओबीसी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर लंबे समय तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा की कमान संभाली थी। हरियाणा में चुनाव से कुछ महीने पहले ही उन्हें हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई थी। हरियाणा के मौजूदा विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और पार्टी की ओर से उन्हें सीएम फेस भी बनाया गया है।

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नायब सिंह सैनी का ताल्लुक ओबीसी वर्ग से है और हरियाणा के चुनाव में ओबीसी मतदाताओं की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने सैनी को प्रोजेक्ट कर रखा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी की कुरुक्षेत्र और सोनीपत में हुई दो रैलियां के दौरान भी सैनी को काफी महत्व मिला जबकि खट्टर दोनों रैलियों में नहीं दिखे।

खट्टर को पीछे रखने की रणनीति क्यों

राज्य के कुछ भाजपा नेताओं का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लेकर फैली नकारात्मकता से पार्टी बचने का प्रयास कर रही है। खट्टर के लंबे राज के दौरान हरियाणा के कुछ वर्गों में नाराजगी दिखी थी और इसी कारण पार्टी उन्हें फ्रंट पर रखने से परहेज कर रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि खट्टर को दूर रखने से पार्टी सत्ता विरोधी लहर से भी बच सकती है। इसीलिए पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से लगातार तीसरी बार हरियाणा की सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है। 2014 और 2019 में भाजपा को जीत दिलाने में पिछड़ों, गैर जाटों और पंजाबी मतदाताओं ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस बार के चुनाव में भी पार्टी ने इन वर्गों पर फोकस कर रखा है और इसी कारण पार्टी को इस बार भी चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें हैं।

पीएम मोदी के निशाने पर भी कांग्रेस

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे अधिक कांग्रेस पर हमलावर दिख रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी,दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी और अभय चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल ने भी पूरी ताकत लगा रखी है। वैसे भाजपा नेताओं का मानना है कि पार्टी को मुख्य रूप से कांग्रेस से ही चुनौती मिल रही है। यही कारण है कि भाजपा नेताओं के निशाने पर मुख्य रूप से कांग्रेस ही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को सोनीपत के गोहाना में हुई रैली के दौरान मुख्य रूप से कांग्रेस पर ही निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस को सबसे भ्रष्ट और बेईमान पार्टी बताया। 2014 से पहले कांग्रेस राज का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राज्य के मतदाताओं को इस भ्रष्ट पार्टी को सत्ता में आने से रोकना होगा। पीएम मोदी के अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस रैली के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

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