प्रेमियों को झटका: नाबालिग का Live-In में रहना अपराध, कोर्ट का बड़ा फैसला

हरियाणा स्थित सोनीपत-पानीपत से जुड़े एक मामले में कहा है कि नाबालिग के साथ लिव इन में रहना अनैतिकता है। मतलब ये कि यहां प्यार के आड़े उम्र आ रही है।जिस पर कानून की भी रजामंदी नहीं है

Update:2021-01-14 10:19 IST
प्रेमी ने मांगी प्रेमिका की कस्टडी, हाईकोर्ट ने कहा- नाबालिग के साथ लिव इन में रहना समाजिक नियमों के खिलाफ

चंडीगढ़ : प्यार करना जितना आसान है उतना ही साथ रहना मुश्किल । कहते हैं प्यार की कोई उम्र नहीं होती है। किसी भी उम्र में और कहीं भी आंखें चार हो जाती है। और फिर प्यार की आखिरी मंजिल प्रेमी के साथ रहना होता है। लेकिन जब बात साथ रहने की आती है तो समाज और कायदे कानून सब सामने आने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मामला है हरियाणा स्थित सोनीपत-पानीपत से। यहां पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्थित सोनीपत-पानीपत से जुड़े एक मामले में कहा है कि नाबालिग के साथ लिव इन में रहना अनैतिकता है। मतलब ये कि यहां प्यार के आड़े उम्र आ रही है।जिस पर कानून की भी रजामंदी नहीं है

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

दरअसल, लिव इन में रहने वाले प्रेमी ने अपनी नाबालिग प्रेमिका की कस्टडी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इतना ही नहीं हाईकोर्ट के आदेश पर प्रेमिका को सोनीपत स्थित एक सेफहोम भेजा गयाय़ अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नाबालिग के साथ लिव इन में रहना ना केवल अनैतिक है बल्कि यह कानूनी रूप से भी गलत है। साथ ही यह सामाजिक नियमों के खिलाफ है।

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जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग

याचिका में प्रेमी जोड़े ने लड़की के घर वालों से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि लड़की की उम्र साढ़े 17 वर्ष है। ऐसे में अदालत ने याचिका खारिज कर लड़की को सेफ होम भेज दिया। इसके बाद फिर प्रेमी ने एक याचिका दाखिल कर प्रेमिका के कस्टडी की मांग की थी।

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नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज

अदालत ने कहा कि प्रेमी पर पानीपत के समालखा में नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज है। अपहरण के आरोपी को कस्टडी कैसे दे सकते हैं। अदालत ने कहा अगर लड़की की मां या उसके पिता, कस्टडी की मांग करते हैं तो इलाका मजिस्ट्रेट के पास याचिका दाखिल करें जिसके बाद उस पर विचार किया जाएगा।

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