Gyanvapi Case Update: ज्ञानवापी मामले में आज SC में सुनवाई, हिंदू पक्ष ने 'शिवलिंग' का फव्वारा कहे जाने को बताया अपमान
Gyanvapi Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्सीय बेंच बड़ा फैसला सुना सकती है।
Gyanvapi Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्सीय बेंच बड़ा फैसला सुना सकती है। क्योंकि शिवलिंग की वैज्ञानिक पद्धति से जांच कराने के मामले में हिंदू पक्ष ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब में कहा कि मुस्लिम पक्ष के द्वारा 'शिवलिंग' को फव्वारा कहने से लगातार हिंदूओं की आस्था का अपमान किया जा रहा है, जबकि शिवलिंग न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सनातनियों के लिए आस्था और पूजा का विषय है। इसलिए उन्हे अपने शिव भगवान की पूजा करने का मौलिक अधिकार है।
हिंदू पक्ष ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेषज्ञों के एक पैनल से विवादित स्थल के भीतर सील किए गए हिस्से का निरीक्षण करवाया जाना चाहिए। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के तीन तीन जजों जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पामिदिघंटम श्री नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ सुनवाई करेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने कथित शिवलिंग के एएसआई से वैज्ञानिक पद्धित के माध्यम से निर्देश कराने का आदेश दिया था। ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक जांच कराने की हिंदू पक्ष की मांग पर ही आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कार्बल डेटिंग जांच एएसआई से करवाने के आदेश दिए थे। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब तलब करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। बता दें कि पांच हिंदू पक्षकारों नें शिवलिंग की कार्बन डेंटिंग कराने की मांग की थी, जो कि कोर्ट के आदेश पर कराए गए मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान वजू खाना मिला था, जिसका उपयोग मुस्लिम लोग नमाज अदा करे से पहले वजू करने के लिए उपयोग करते हैं, मस्जिद समति ने कार्बन डेटिंग का विरोध किया था साथ ही कहा था कि वजूखाने के अंदर जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, दरअसल वो फव्वारे का एक हिस्सा है।