बड़ी लजीज सब्जी: 30,000 रुपये किलो हैं इसके दाम, जो खाए कभी न होए बीमार

दुनिया की सबसे महंगी सब्जी के बारे में कभी सुना है आपने। ये सब्जी भारत की है। लेकिन उसके बाद भी भारत के लोग अपने देश की सबसे मंहगी सब्जी के बारे में नहीं जानते हैं। ये सब्जी हिमालय से आती है। पूरी दुनिया में इस सब्जी की बड़ी मांग रहती है।

Update: 2020-08-27 06:29 GMT
बड़ी लजीज सब्जी: 30,000 रुपये किलो हैं इसके दाम, जो खाए कभी न होए बीमार

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे महंगी सब्जी के बारे में कभी सुना है आपने। ये सब्जी भारत की है। लेकिन उसके बाद भी भारत के लोग अपने देश की सबसे मंहगी सब्जी के बारे में नहीं जानते हैं। ये सब्जी हिमालय से आती है। पूरी दुनिया में इस सब्जी की बड़ी मांग रहती है। चलिए अब दाम की बात करते हैं, अगर आपको 1 किलो सब्जी खरीदनी है, तो उसके लिए अपनी जेब से 30,000 (तीस हजार) रुपये निकालने पड़ेगें। ये सब्जी आम सब्जियों से बिल्कुल अलग है। क्योंकि इस सब्जी को पकाने के लिए काफी मेहनत की जरूरत पड़ती है। लेकिन सबसे खास बात तो ये है कि इस सब्जी को खाने से दिल की कोई बीमारी नहीं होती है। साथ ही इसमें कई तरह की मल्टी-विटामिन भी शामिल होती हैं।

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25 से 30 हजार रुपये किलो

हिमालय में मिलने वाली इस सब्जी का नाम गुच्छी है। वैसे तो ये हिमालय पर मिलने वाले जंगली मशरूम की प्रजाति है। इसकी कीमत बाजार में 25 से 30 हजार रुपये किलो है। गुच्छी नाम की इस सब्जी को बनाने में ड्राय फ्रूट, सब्जियां और देशी घी का इस्तेमाल होता है।

ये भारत की दुर्लभ सब्जी है, जिसकी मांग विदेशों में बहुत ज्यादा होती है। वहीं कई लोग मजाक में कहते हैं कि अगर गुच्छी की सब्जी खानी है तो बैंक से कर्ज लेना पड़ेगा।

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रोज थोड़ी मात्रा में ले, बेहद फायदा

लाजवाब पकवानों में शुमार औषधीय गुणों से भरपूर गुच्छी के नियमित उपयोग से दिल की बीमारियां नहीं होती हैं। दिल की बीमारियों से परेशान लोग अगर इसे रोज थोड़ी मात्रा में ले, तो उन्हें बेहद फायदा होगा। इसे हिमालय के पहाड़ों से लाकर सुखाया जाता है। इसके बाद इसे बाजार में बेचा जाता है।

हिमालय की इस सब्जी गुच्छी का वैज्ञानिक नाम मार्कुला एस्क्यूपलेंटा है। आमतौर पर मोरेल्स भी कहते हैं। साथ ही इसे स्पंज मशरूम भी कहा जाता है। यह मशरूम की ही एक प्रजाति मॉर्शेला फैमिली से संबंध रखता है। यह ज्यादातर हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों पर उगाए जाते हैं।

बहुत अच्छी बात ये है कि कई बार बारिश के सीजन में ये खुद ही उग जाते हैं। लेकिन अच्छी मात्रा में जमा करने में लोगों को कई महीने दिन लग जाते हैं। साथ ही पहाड़ पर इतनी ऊपर जाकर जान को खतरे में डालकर यह सब्जी लाना उगाना इसकी कीमत को और कीमती बनाता है।

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