Hindenburg vs Adani Group: अडानी ग्रुप को लेकर आई रिपोर्ट के बाद एसबीआई का बड़ा बयान, लोन को लेकर चिंता नहीं-स्वामीनाथन

Hindenburg vs Adani Group: स्टेट बैंक के कॉर्पोरेट बैंकिंग के एमडी स्वामीनाथन ने सीएनबीसी टीवी 18 के साथ खास बातचीत में कहा कि फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जिसकी वजह से अदाणी ग्रुप को दिए गए कर्ज को लेकर चिंता करनी पड़े।

Written By :  Network
Update:2023-01-29 19:23 IST

Controversy over Hindenburg report (Social Media)

Hindenburg vs Adani Group: अदाणी समूह को लेकर चल रखी खबरों के बात भारतीय स्टेट बैंक ने दिया बयान। स्टेट बैंक के कॉर्पोरेट बैंकिंग के एमडी स्वामीनाथन ने सीएनबीसी टीवी 18 के साथ खास बातचीत में कहा कि फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जिसकी वजह से अदाणी ग्रुप को दिए गए कर्ज को लेकर चिंता करनी पड़े।

अदाणी ग्रुप को लेकर आई एक रिपोर्ट के बाद उठे विवाद के बीच देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि वो ग्रुप को बांटे गए लोन को लेकर कोई चिंता नहीं कर रहे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक शॉर्ट सेलिंग रिपोर्ट के आधार पर बाजार में गिरावट के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर यह बयान आया है. जिसमें अदाणी समूह दो कारोबारी सत्रों में मार्केट कैप में 4.18 ट्रिलियन रुपये के भंवर में फंस गया है।

स्वामीनाथन ने किया स्पष्ट

स्टेट बैंक के कॉर्पोरेट बैंकिंग के एमडी स्वामीनाथन जे ने सीएनबीसी टीवी 18 के साथ खास बातचीत में कहा कि फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है जिसकी वजह से अदाणी ग्रुप को दिए गए कर्ज को लेकर चिंता करनी पड़े। वहीं उन्होने साफ किया कि ग्रुप को एसबीआई से मिला कर्ज रिजर्व बैंक की सीमा के अंदर ही है। उसको सुरक्षित रखने के लिए नियमों के मुताबिक सभी जरूरी उपाय पहले से ही किए जा चुके हैं। एमडी ने कहा कि बैंक नीतियों के मुताबिक किसी एक क्लाइंट पर कमेंट नहीं करता। हालांकि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए हम साफ करना चाहते हैं कि एसबीआई का अदाणी ग्रुप में एक्सपोज़र रिजर्व बैंक के लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क सीमा से काफी नीचे है। वहीं सभी कर्ज आय उत्पन्न कर रहे एसेट्स के जरिए सिक्योर्ड हैं। ऐसे में कर्ज को चुकाने को लेकर बैंक कोई चिंता नहीं कर रहा है।

उन्होने कहा कि वास्तव में भारतीय बैंकिंग सिस्टम का ग्रुप में एक्सपोजर पिछले 2-3 साल में लगातार घट रहा है। इसी के साथ डेट टू एबिटडा रेश्यो में सुधार हो रहा है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि ग्रुप कर्ज से जुड़ी शर्तें आसानी से पूरा कर लेगा।

अडानी समूह के ऋण से भारतीय बैंकों को कोई जोखिम नहीं

वहीं उन्होने कहा कि बैंक नियमों के मुताबिक समय समय पर अपने बड़े कर्जदारों के बकाया का रीव्यू करता रहता है । फिलहाल ग्रुप को लेकर कोई चिंता सामने नहीं आई है। शीर्षस्थ ब्रोकिंग और अनुसंधान फर्म सीएलएसए ने विपरीत रुख अपनाते हुए कहा कि उसे अडानी समूह के ऋण से भारतीय बैंकों के लिए कोई बड़ा नकारात्मक जोखिम नहीं दिखता है, जिसमें घरेलू सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उधारदाताओं के लिए समग्र जोखिम प्रबंधनीय सीमा के भीतर बना हुआ है। पर्याप्त रिंग फेंसिंग के साथ शीर्षस्थ ब्रोकिंग और अनुसंधान फर्म सीएलएसए ने विपरीत रुख अपनाते हुए कहा कि उसे अदाणी समूह के ऋण से भारतीय बैंकों के लिए कोई बड़ा नकारात्मक जोखिम नहीं दिखता है, जिसमें घरेलू सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उधारदाताओं के लिए समग्र जोखिम प्रबंधनीय सीमा के भीतर बना हुआ है। पर्याप्त रिंग फेंसिंग के साथ।

इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज ने शुक्रवार को एक नोट जारी किया - शॉर्ट सेलिंग और शेयरधारक सक्रियता पर - पूरे मामले पर एक परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए:

हिंडनबर्ग, एक लघु विक्रेता के रूप में, केवल एक अन्य बाजार सहभागी के रूप में माना जाना चाहिए, जिसका स्टॉक मूल्य को नीचे लाने के उद्देश्य से एक नकारात्मक रिपोर्ट जारी करने का एक प्रेरित दृष्टिकोण है।

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