NPR पर गृह मंत्रालय की बड़ी बैठक, इन राज्यों के सीएम ने किया किनारा

2020 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करने के तौर-तरीके निर्धारित करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से शुक्रवार यानि 17 जनवरी को दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई है।

Update: 2020-01-17 05:45 GMT
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नई दिल्ली: 2020 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करने के तौर-तरीके निर्धारित करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से शुक्रवार यानि 17 जनवरी को दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय करेंगे। NPR की रुपरेखा पर चर्चा करने के लिए इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सभी राज्यों के जनगणना निदेशक तथा मुख्य सचिव उपस्थित रहेंगे।

बैठक में होगी इस पर चर्चा

गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, इस बैठक में जनगणना और एनपीआर के तहत शुरू होने वाले मकान सूचीकरण के चरण और एनपीआर की रुपरेखा पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। यह चरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक चलेगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही ये घोषणा कर दी है कि उनका राज्य इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।

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ममता बनर्जदी ने केंद्र की ओर बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। यही नहीं उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ये चुनौती भी दी है कि वह केंद्र की लाइन पर न चलने पर राज्य सरकार बर्खास्त करके दिखाएं। बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश में पिछले महीने ही एनपीआर प्रक्रिया पर रोग लगा दी है। ममता बनर्जी ने एक बार फिर से कहा कि वो राज्य में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं होने देंगी।

क्या है NPR का मकसद

पश्चिम बंगाल के साथ-साथ कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ने भी ये घोषणा की है कि वे एनपीआर कवायद में भाग नहीं लेंगे। क्योंकि यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के पहले का चरण है। अधिकारियों का कहना है कि, देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का मकसद है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी।

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क्या है NPR?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अंदर 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का खास काम है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी।

कितना आएगा खर्चा

कैबिनेट से जनगणना 2021 के लिए 8,754।23 करोड़ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के लिए 3,941।35 करोड़ की मंजूरी मिली है।

इससे पहले 10 साल पहले साल 2010 में ये डाटा इकट्ठा किया गया था। बता दें कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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