गृह मंत्रालय का ऐलान: NPR के अपडेशन में कागजात की जरूरत नहीं

सीएए (CAA), एनआरसी और एनपीआर (NPR) के मुद्दे पर देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने संसद में बड़ा बयान दिया है। संसद के बजट सत्र में विपक्ष सीएए, एनआरसी (NRC) और एनपीआर को लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहा है।

Update: 2020-02-04 11:39 GMT

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा, एनपीआर में किसी नागरिक को कोई भी दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी। सीएए (CAA), एनआरसी और एनपीआर (NPR) के मुद्दे पर देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने संसद में बड़ा बयान दिया है। संसद के बजट सत्र में विपक्ष सीएए, एनआरसी (NRC) और एनपीआर को लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहा है।

हालांकि सरकार की ओर से पहले ही साफ किया जा चुका है कि वह सीएए के मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी। इससे पहले गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा, अब तक सरकार ने देश में एनआरसी लागू करने की कोई योजना नहीं बनायी है।

NPR के अपडेशन में कागजात की जरूरत नहीं

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के दौरान हर परिवार और व्यक्ति की जानकारी ली जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान कागजों की मांग पर राज्य सरकारें सवाल खड़े कर रही हैं। इस पर सरकार ने कहा है कि वह राज्य सरकारों से बात करेगी। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जवाब दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, ‘NPR के अपडेशन के दौरान किसी भी कागजात की जरूरत नहीं है।’ साथ ही ऐसा कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा, जिससे नागरिकता पर सवाल खड़े हों।

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विपक्ष के हंगामें के कारण तीन बार स्थगन

इससे पहले एनपीआर और सीएए का मुद्दा नियम 267 के तहत उठाने की अनुमति देने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने भाजपा के भूपेन्द्र यादव से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने को कहा। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एनपीआर और सीएए का मुद्दा नियम 267 के तहत उठाने की अनुमति देने की मांग पर नारेबाजी शुरू कर दी।

उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे जिन मुद्दों को उठाना चाहते हैं, उन्हें चर्चा के दौरान उठा सकते हैं। नेता सदन थावरचंद गहलोत ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पेश कर इस पर चर्चा कराने की अनिवार्यता का हवाला देते हुये सभी सदस्यों से चर्चा शुरू होने देने का अनुरोध किया।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। उनके साथ माकपा एवं भाकपा के कुछ सदस्य भी आसन के समक्ष आए। शोरगुल के बीच ही यादव ने उपसभापति से सदन में व्यवस्था बनाए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि आसन को सदन में सामान्य स्थिति कायम करनी चाहिए ताकि वह अपना प्रस्ताव रख सकें।

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एनपीआर और सीएए का मुद्दा नियम 267 के तहत उठाने की अनुमति की मांग

इससे पहले एनपीआर और सीएए का मुद्दा नियम 267 के तहत उठाने की अनुमति देने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने लगातार हंगामा किया जिसकी वजह से बैठक तीन बार स्थगित करनी पड़ी। सुबह 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सूचित किया कि उन्हें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, माकपा के टी. के. रंगराज और इलामारम करीम, भाजपा के विनय विश्वम तथा बसपा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र ने एनपीआर तथा सीएए पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं।

उन्होंने कहा कि सदस्य राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने अपने मुद्दे उठा सकते हैं, इसके लिए शून्यकाल स्थगित करना आवश्यक नहीं है। नायडू जब अपनी बात कह रहे थे, उसी दौरान कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, माकपा के टी के रंगराजन तथा अन्य सदस्य अपने अपने मुद्दे उठाने पर जोर देने लगे। बहरहाल, सदस्यों के अपनी मांग पर अड़े रहने के कारण उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

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