केंद्र ने डॉक्टरों की हड़ताल और राजनीतिक हिंसा पर ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल में बढ़ती राजनीतिक हिंसा और डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि इन घटनाओें को रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने एडवाइजरी भी जारी की है।

Update: 2019-06-15 10:13 GMT

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बढ़ती राजनीतिक हिंसा और डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि इन घटनाओें को रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने एडवाइजरी भी जारी की है। केंद्र की एडवाइजरी में कहा है गया है कि डॉक्टरों की हड़ताल का असर पूरे देश में पड़ रहा है और पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों के डॉक्टर भी इसमें शामिल हो गए हैं।

गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा है, "मंत्रालय ने डॉक्टरों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मेडिकल संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। ये लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आए थे और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।

इसके साथ ही केद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा है कि राजनीतिक हत्या के दोषियों को कानून के मुताबिक सजा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? गृह मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लगातार हो रही हिंसा गंभीर चिंता का विषय है।

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बंगाल में शनिवार को भी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। ये हत्या कांग्रेस और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के बाद हुई थी।

केंद्र सरकार ने साल 2016 से लेकर 2019 के बीच चुनावी हिंसा, राजनीतिक हिंसा और लोगों के मारे जाने की बढ़ती घटनाओं की तरफ इशारा करते हुए राज्‍य सरकार को एक एडवाइजरी जारी किया है। केंद्र सरकार ने कहा कि 'पिछले कुछ वर्षों में लगातार हो रही हिंसा गंभीर चिंता का विषय है।' केंद्र सरकार ने ममता सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के वर्तमान हालात पर गंभीर चिंता जताई है।

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गृह मंत्रालय ने उसे मिली रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं वर्ष 2016 के 509 की अपेक्षा वर्ष 2018 में बढ़कर 1035 हो गई हैं। वर्ष 2019 में ही अब तक हिंसा की 773 घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदेश में इस तरह की हिंसा में वर्ष 2016 में जहां 36 लोगों की मौत हुई थी वहीं वर्ष 2018 में मरने वालों का आंकड़ा 96 पहुंच गया। वर्ष 2019 में ही अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है।

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गृह मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2016 से जारी हिंसा का यह ट्रेंड दर्शाता है कि राज्‍य सरकार कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने में असफल रही है।

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह अपनी रिपोर्ट में अब तक राजनीतिक हिंसा को रोकने, उसकी जांच और दोषियों को सजा दिलाने के लिए क्‍या कदम उठाए गए हैं, इसके बारे में बताए। आगे कहा कि राज्य सरकार से अपील की जाती है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजी जाए।"

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