गलवान की पूरी कहानी: ऐसे भारतीय सेना पर हुआ हमला, चीन की काली सच्चाई

संतोष बाबू की टीम द्वारा टेंट जलाए जाने के बाद चीनी सैनिकों की तरफ से पत्थरबाजी हुई थी। ऊंचाई पर मौजूद चीनी सैनिकों की तरफ से भारतीय सैनिकों पर बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए। अधिकारियों के मुताबिक कई भारतीय सैनिकों की लाशें चीनी सेना ने भारतीय सेना को वापस की थीं।

Update:2020-06-17 13:11 IST

नई दिल्ली: चीन का रवैया अब भारत के खिलाफ काफी आक्रामक हो चुका है। भारत-चीन की सीमा गलवान घाटी में सीमा विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। बीते सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर बेहद बर्बर हमले किए हैं। इस झड़प में 23 भारतीय सैनिकों की जान चली गई है। और चीन के 43 जवान मारे गए हैं। इलाज करा रहे भारतीय सैनिकों द्वारा घटना स्थल पर हुए गतिविधियों के बारे पता चला है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक चीनी सैनिकों ने कंटीले तार लगे लोहे के रॉड से हमले किए। इस हमले में 16 बिहार रेजीमेंट के जवानों की हत्या की गई।

घायल सैनिकों की मौत एक वजह तापमान का शून्य होना भी है

भारत चीन सीमा पर ऐसी खरतनाक झड़प बीते इतिहास में बेहद कम हुए हैं। गौरतलब है कि चीनी सेना के इस बर्बर हमले में अब तक 23 भारतीय सैनिकों की जान चली गई है। इनमें 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि कई घायल सैनिकों की मौत शून्य से काफी कम तापमान में लगातार बने रहने के कारण हुई।

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अभी मौत की संख्या का आंकड़ा बढ़ सकता है

एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि जिन सैनिकों के पास हथियार नहीं थे, उनकी भी बर्बर हत्या की गई। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने जान बचाने के लिए गलवान नदी में छलांग लगा दी थी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब भी कम से कम दो दर्जन जवान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। और करीब 110 से ज्यादा को इलाज की जरूरत पड़ी। कहा जा रहा है कि अभी मौत की संख्या का आंकड़ा बढ़ सकता है।

कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में सैनिकों चीनी टेंट कों उखाड़ फेंका

गलवान घाटी में ये हिंसक झड़प भारतीय सेना सेना द्वारा चीनी टेंट (कोडनेम-Patrol Point 14) हटाए जाने के बाद शुरू हुई थी। दरअसल इस चीनी टेंट को कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में सैनिकों ने हटाया था। भारतीय सेना ने अपनी सीमा के भीतर इस चीनी टेंट को इसलिए हटाया था, क्योंकि भारतीय सेना के अधिकारी हरिंदर सिंह और चीनी सेना के अधिकारी लिन लिऊ की बैठक के बाद इस टेंट को लगाया गया था। कर्नल बाबू की यूनिट को इस टेंट को हटाए जाने के आदेश दिए गए थे।

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चीन ने संतोष बाबू की यूनिट को जिम्मेदार ठहराया

चीनी सैनिकों ने ये प्वाइंट छोड़ने से इनकार कर दिया था। हालांकि अभी तक इसकी जानकारी नहीं लग सकी है चीनी सैनिकों ने ऐसा क्यों किया? विवाद को कम करने के लिए दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच जारी बातचीत में चीनी पक्ष की तरफ से इस झड़प के लिए संतोष बाबू की यूनिट को जिम्मेदार ठहराया गया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना का कहना है कि भारतीय सेना की इस टीम ने दोनों देशों की टुकड़ियों के बीच की सीमा को लांघा, जिससे बॉर्डर मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ।

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भारतीय सैनिकों पर फेंके गए बड़े-बड़े पत्थर

संतोष बाबू की टीम द्वारा टेंट जलाए जाने के बाद चीनी सैनिकों की तरफ से पत्थरबाजी हुई थी। ऊंचाई पर मौजूद चीनी सैनिकों की तरफ से भारतीय सैनिकों पर बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए। अधिकारियों के मुताबिक कई भारतीय सैनिकों की लाशें चीनी सेना ने भारतीय सेना को वापस की थीं। माना जा रहा है हिंसक झड़प के दौरान भारतीय सैनिकों को चीनी सीमा में खींच कर मारा गया होगा। अभी तक चीनी सेना की तरफ से ये नहीं बताया गया है कि बातचीत के बाद भी फिर क्यों भारतीय सीमा में टेंट लगाया गया था।

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