Institute of Engineering IIT: आईआईटी और देशी-विदेशी कंपनियों में हो रहे बड़े-बड़े समझौते, इस MOU से मिलेगी नई उड़ान

Institute of Engineering IIT: देश के प्रमुख इंजीनियरिंग शिक्षा संस्थान आईआईटी न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि शोष, अनुसन्धान और इनोवेशन के क्षेत्र में भी विश्व में अग्रणी रहा है। अलग अलग आईआईटी विभिन्न कंपनियों और संस्थानों के साथ लगातार करार कर रहे हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-10-25 18:34 IST

आईआईटी और देशी-विदेशी कंपनियों में हो रहे बड़े-बड़े समझौते: Photo- Social Media

Institute of Engineering IIT: देश के प्रमुख इंजीनियरिंग शिक्षा संस्थान आईआईटी न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि शोष, अनुसन्धान और इनोवेशन के क्षेत्र में भी विश्व में अग्रणी रहा है। अलग अलग आईआईटी विभिन्न कंपनियों और संस्थानों के साथ लगातार करार कर रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा सहयोग हुआ है आईआईटी कानपुर और एयरबस के बीच जिसके तहत ये दोनों भारत में प्रतिभा आधार को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करेंगे।

आईआईटी कानपुर-एयरबस

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) और एयरबस ने भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र में प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के साथ शिक्षा कार्यक्रमों के विकास में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआईटी कानपुर के तत्कालीन निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर और एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी माइलार्ड के बीच पिछले महीने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सहयोग के तहत दोनों संस्थाएं उन्नत प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को बढ़ावा देंगी और भारत में एयरोस्पेस छात्रों के लिए तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम और गतिविधियां विकसित करेंगी। दोनों संगठन वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग के अवसर भी तलाशेंगे जहां छात्रों को क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं पर काम करने का मौका मिलेगा। एयरबस ग्रुप के साथ यह सहयोग वास्तव में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आईआईटी कानपुर: Photo- Social Media

आईआईटी रुड़की – सर्वोटेक

इंजीनियरिंग उपकरण बनाने वाली कम्पनी सर्वोटेक पावर सिस्टम्स और आईआईटी रुड़की के बीच एक एमओयू होने के तुरंत बाद इस कंपनी के शेयरों में लगभग 9 प्रतिशत की तेजी आ गई। कंपनी ने ई-चार्जर, रेक्टिफायर इकाइयों को विकसित करने के लिए दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। रेक्टिफायर यूनिट, ई-चार्जर का एक महत्वपूर्ण घटक है जिसे वर्तमान में आयात किया जाता है। आईआईटी के साथ सहयोग घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के साथ साथ घरेलू ईवी उद्योग के विकास को बढ़ावा देगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऑनबोर्ड चार्जर एक कॉम्पैक्ट और हल्का चार्जर है जिसे सीधे दो, तीन और चार पहिया वाहनों पर लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आईआईटी इंदौर-एलएंडटी

इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन की नामचीन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन और नियंत्रण सॉफ्टवेयर जैसे विभिन्न डोमेन में संयुक्त अनुसंधान और डेवलपमेंट पहल में शामिल होने के लिए आईआईटी इंदौर के साथ सहयोग की घोषणा की है। इस समझौता ज्ञापन को एलएंडटी कंस्ट्रक्शन के बिजली पारेषण और वितरण व्यवसाय के भीतर डिजिटल ऊर्जा समाधान प्रभाग द्वारा औपचारिक रूप दिया गया था। कंपनी ने कहा है कि यह पहल नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और नियंत्रण प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देगी। इस भागीदारी के जरिये आईआईटी इंदौर में छात्रों के सीखने और अनुभव कार्यक्रम के साथ सहयोग करने के लिए एलएंडटी का उत्कृष्टता स्मार्ट ग्रिड समाधान केंद्र स्थापित किया जाएगा।

आईआईटी मद्रास- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग और उभरते मुद्दों पर सहयोग के लिए आईआईटी मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग के जरिये अदलत के कामकाज में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के क्षेत्र में काम किया जाएगा उचित डेवलपमेंट किया जाएगा।

आईआईटी दिल्ली- टीएचडीसी

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और आईआईटी दिल्ली ने विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित एक सहयोगी साझेदारी बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के अनुसार, टीएचडीसीआईएल आईआईटी दिल्ली की फैकल्टी के नेतृत्व में अनुसंधान अध्ययन, पायलट प्रोजेक्ट और परामर्श कार्य संचालित करने के लिए संस्थान के साथ साझेदारी करेगा। टीएचडीसीआईएल सहयोगात्मक परियोजनाएं शुरू करने और संस्थान के भीतर अनुसंधान समूहों के साथ जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से आईआईटी दिल्ली तक पहुंच बनाएगा।

आईआईटी भिलाई – जर्मन कम्पनी: Photo- Social Media

आईआईटी भिलाई – जर्मन कम्पनी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई और जर्मनी की डीएएडी (जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस) दोनों संस्थानों के बीच संकाय सदस्यों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह नई दिल्ली में जर्मन दूतावास में आयोजित किया गया, जहां आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रभारी संकाय डॉ. रुक्मंकेश ने डीएएडी के उप महासचिव डॉ. माइकल हार्म्स के साथ औपचारिक रूप से एमओयू का आदान-प्रदान किया। आईआईटी भिलाई और प्रतिष्ठित जर्मन उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संकाय विनिमय कार्यक्रमों की सुविधा के लिए दस्तावेज़ तैयार किये जायेंगे।

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