Haryana Election 2024: केजरीवाल की रिहाई का हरियाणा चुनाव पर क्या होगा असर, कांग्रेस और BJP की बढ़ी टेंशन!

Haryana Election 2024: कांग्रेस और भाजपा के कई बागी उम्मीदवार इस बार आप के टिकट पर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी की नजर हरियाणा पर है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-09-13 13:55 IST

Haryana Election 2024 (Pic: Social Media)

Haryana Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत मंजूर कर दी है। केजरीवाल से जुड़ी दो याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने यह बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत मंजूर करने के साथ उन पर कई शर्तें भी लगाई हैं मगर उनके हरियाणा चुनाव में प्रचार करने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।

हरियाणा में इस बार आम आदमी पार्टी सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी है। अभी तक पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार की कमान अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने संभाल रखी थी मगर अब आप प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल खुद चुनाव प्रचार में कूदेंगे। केजरीवाल के चुनाव प्रचार में उतरने से भाजपा और कांग्रेस की टेंशन बढ़ेगी। वैसे आप प्रत्याशियों की मजबूती कांग्रेस के लिए ज्यादा बड़ा झटका साबित हो सकती है।

कांग्रेस के साथ नहीं हो सका आप का गठबंधन

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आप के साथ गठबंधन की इच्छा जताई थी मगर दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका। दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत भी हुई मगर आखिरकार इस बातचीत का कोई सुखद नतीजा नहीं निकल सका। दरअसल आप की ओर से जितनी सीटों की डिमांड की जा रही थी, कांग्रेस उतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं थी। इसके साथ ही हरियाणा के कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध भी कर रहे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी आप के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। यही कारण था कि दोनों दलों के बीच गठबंधन संबंधी बातचीत टूट गई।

आप ने सभी सीटों पर उतार दिए अपने प्रत्याशी

हरियाणा में पिछले 10 वर्षों से भाजपा सत्ता पर काबिज है और पार्टी ने लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से इस बार राज्य में अपनी सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने पांच-पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव में मिली इस कामयाबी के बाद कांग्रेस उत्साहित दिख रही है।

इन दोनों दलों के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगा रखी है। कांग्रेस के साथ गठबंधन संबंधी बातचीत टूटने के बाद आम आदमी पार्टी में भी राज्य की सभी नब्बे विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। हरियाणा में चुनाव प्रचार जल्द ही तेजी पकड़ने वाला है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल की रिहाई से आप कार्यकर्ताओं में नया उत्साह दिखने लगा है।

भाजपा और कांग्रेस के बागी बनेंगे मुसीबत

कांग्रेस और भाजपा के कई बागी उम्मीदवार इस बार आप के टिकट पर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। आप के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले इन बागी प्रत्याशियों के कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ी हुई है। ऐसे में इन आप प्रत्याशियों की मजबूती दोनों दलों को झटका देने वाली साबित हो सकती है। केजरीवाल की रिहाई की टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण है। सियासी जानकारों का मानना है कि अब हरियाणा में आप प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की कमान सुनीता केजरीवाल की जगह अरविंद केजरीवाल संभालेंगे।

अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार करने से आप के चुनाव अभियान को नई धार मिलने की संभावना जताई जा रही है। आप प्रत्याशियों को मिलने वाले वोट बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस के लिए नुकसान पहुंचाने वाले साबित हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को आप के साथ गठबंधन का फायदा मिला था मगर अब विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के आमने-सामने होने से भाजपा को फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।

दिल्ली और पंजाब के बाद हरियाणा पर निगाहें

केजरीवाल ने दिल्ली को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बना रखा है मगर उनका गृह राज्य हरियाणा ही है। वे मूल रूप से हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं। इसी कारण उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल को हरियाणा का शेर बताती रही है। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान केजरीवाल हरियाणा से अपने नजदीकी जुड़ाव को चर्चा करते रहे हैं। हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की ही सरकार है। पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने बड़ी जीत हासिल की थी।

दिल्ली और पंजाब के बाद अब आप की निगाहें हरियाणा पर लगी हुई हैं। आप नेता अपने चुनावी भाषणों में दिल्ली और पंजाब की कामयाबी का जिक्र करते रहे हैं। अब केजरीवाल भी इसे जोरदार ढंग से उठाकर आप को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। सियासी जानकारों का भी कहना है कि जमानत मिलने के बाद केजरीवाल की रिहाई से आप को काफी मजबूती मिलेगी।

कांग्रेस के साथ भाजपा के लिए भी खतरा

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार कड़ा मुकाबला होने के कारण हार-जीत का फैसला कम मार्जिन से होने की संभावना है। ऐसे में आप प्रत्याशियों की मजबूती दूसरे प्रत्याशियों के लिए बड़ा खतरा बनेगी। कांग्रेस के साथ ही बीजेपी की टेंशन इसलिए बढ़ गई है क्योंकि आम आदमी पार्टी शहरी इलाकों में भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। भाजपा का शहरी इलाकों में अच्छा खासा वोट बैंक है मगर आप ने हाल के दिनों में शहरी इलाकों में खुद को मजबूत किया है। केजरीवाल के चुनाव प्रचार में उतरने के बाद शहरी इलाकों के मतदाताओं पर भी असर पड़ने की संभावना है। इससे भाजपा प्रत्याशियों के लिए संकट बढ़ेगा।

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