Calcutta HC Comment On Rape Case: कोलकत्ता हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा-रेप केस में महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं
Calcutta HC Comment On Rape Case: दरअसल, हाईकोर्ट ने बलात्कार के झूठे, बदला लेने के इरादों से किए गए मुकदमे की घटनाओं के मद्देनजर यह टिप्पणी की है।
Calcutta HC Comment On Rape Case: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में बड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट का कहना है कि रेप केस मामले में महिला के बयान को उत्कृष्ट या सबसे अच्छा सबूत नहीं माना जाता है। सुनवाई के दौरान जज को महिला के बयानों में भी अलग-अलग बातों के बारे में पता चला। मामले की सुनवाई जस्टिस अनन्या बंधोपाध्याय कर रही थीं।
दरअसल, हाईकोर्ट ने बलात्कार के झूठे, बदला लेने के इरादों से किए गए मुकदमे की घटनाओं के मद्देनजर यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, बलात्कार की पीड़िता के घायल होने को ही स्टर्लिंग विटनेस के तौर पर बताया गया है...। एक रूढ़ीवादी समाज में एक महिला धोखे से खराब नैतिक व्यवहार का प्रदर्शन नहीं करेगी या खुद को परिवार या समाज अपमानित नहीं करती है। हालांकि, ऐसी स्थिति को सार्वभौमिक नहीं माना जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे भी कई मामले आए हैं, जहां दुर्भावनापूर्ण, बदला लेने के इरादे से भी आरोप लगाए गए हैं। 2007 मे रेल और पड़ोसी के यहां घुसपैठ के दोषी साबित हुए व्यक्ति को अपील करने की अनुमति दे दी।
क्या था मामला
यह मामला 2006 का है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि जब पड़ोसी महिला के घर पहुंचा और उसका रेप किया, तब वह अकेली थीं। उसने महिला के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था, ताकि वह चीख न सके। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अकेली थी, लेकिन क्राॅस एग्जामिनेशन और एक अन्रू बयान में बताया कि जब याचिकाकर्ता उसके कमरे में पहुंचा, तो उस समय वह बच्चे को स्तनपान करा रही थी।
कोर्ट ने यह पाया कि यह अस्वाभाविक सा है कि बच्चे को जमीन पर फेंक दिया गया और महिला ने तब आवाज नहीं की। कोर्ट ने देखा कि अभियोजन पक्ष संदेह के अलावा इस मामले में कुछ भी पेश नहीं कर सका है, तो पुरुलिया कोर्ट की ओर से दिए गए दोषसिद्धि के आदेश को खारिज कर दिया।