22 साल से धोखा: आतंकी हमले में शामिल था ये दुकानदार, ऐसा रची खूनी साजिश

बीते साल 2019 में दक्षिण कश्मीर में हुए पुलवामा आतकीं हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। ऐसे में इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।

Update: 2020-08-31 05:35 GMT
बीते साल 2019 में दक्षिण कश्मीर में हुए पुलवामा आतकीं हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। ऐसे में इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।

नई दिल्ली: बीते साल 2019 में दक्षिण कश्मीर में हुए पुलवामा आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। ऐसे में इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। कि आखिर इस हमले का मास्टरमाइंड कौन था, ये हमला कैसे हुआ था, और भारत के खिलाफ किन आतंकी संगठनों ये साजिश रची थी। इन सब बातों को एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में बताया है। एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार, सीआरपीएफ की गाड़ी पर कहां हमला करना है, इसकी जगह 22 साल के एक दुकानदार शाकीर बशीर मागरने द्वारा की गई थी।

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13500 पन्नों की चार्जशीट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, इस हमले की योजना बनाने वाले मोहम्मद उमर फारूक़ ने इस घटना के बाद एक ऑडियो मैसेज पाकिस्तान भेजा था। इस मैसेज में उसने शाकिर बशीर की जमकर तारीफ की थी। और तो और उमर फारूक़ ने बशीर की अपेक्षा साल 2001 में संसद हमले के जुर्म में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु से की थी।

एनआईए ने हमले के बारे में अपनी 13500 पन्नों की चार्जशीट में कहा है कि बशीर हमले से कुछ दिन पहले ही आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद में शामिल हुआ था। बशीर जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर एक फर्नीचर की दुकान चलाता था। ऐसा कहा जा रहा है कि बशीर इस हमले में स्थानीय स्तर पर सबसे बड़ी कड़ी थी। इस साल फरवरी में इस आतंकी को एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पुलवामा हमला(फाइल फोटो)

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काफिले को वो हर रोज काफी ध्यान से देखता

एनआईए की चार्जशीट के हिसाब से मोहम्मद उमर और उसके साथियों ने कार बम बनाने की योजना तो कर ली थी। पर इससे हमला किस जगह करना है इसको लेकर इन सबने कोई फैसला नहीं किया था। ऐसे में इन सबकी मदद करने के लिए बशीर आया। उसने बताया कि सीआरपीएफ का काफिला उसकी दुकान की आगे से निकलता है।

आगे उसने हमले के बारे में ये भी बताया कि इस काफिले को वो हर रोज काफी ध्यान से देखता है। जिस चलते बशीर ने अपने साथियों से कहा कि हाई-वे पर उसकी दुकान के आगे एक ढलान है, वहां गाड़ियों का काफिला थोड़ा धीमा होता है। इसके अलावा वहां एक स्लिप रोड भी है जहां से हाईवे पर पहुंचा जा सकता है। इसके बाद में आतंकियों ने इसी जगह हमले की योजना बनाई।

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