लाखों जाएंगी जाने: इतनी हो जाएगी दुनिया की आबादी, भारत होगा नंबर वन पर
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University) द्वारा की गई एक स्टडी में सामने आया है आज से करीब 80 साल बाद यानी साल 2100 में धरती की आबादी (Earth's population) आठ अरब 80 करोड़ तक होगी।
नई दिल्ली: वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University) द्वारा की गई एक स्टडी में सामने आया है आज से करीब 80 साल बाद यानी साल 2100 में धरती की आबादी (Earth's population) आठ अरब 80 करोड़ तक होगी। बता दें कि यूनिवर्सिटी के ये आंकड़े संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के आकलन से तकरीबन दो अरब कम हैं। इंटरनेशनल रिसर्चर्स की टीम ने इस स्टडी को Lancet जर्नल में प्रकाशित किया है।
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इस वजह से कम रफ्तार से बढ़ेगी जनसंख्या
स्टडी में बताया गया है कि दुनिया में फर्टिलिटी रेट (Fertility Rate) घटने और आबादी में अधिकतर लोगों के उम्र दराज होने के चलते जनसंख्या काफी धीमी रफ्तार से बढ़ेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस शताब्दी के अंत तक यानी 2100 तक 195 में से 183 देशों में आबादी घटने के आसार हैं। इसके पीछे की बढ़ी वजह बड़े स्तर पर प्रवासियों को आने से रोकना भी बताया जा रहा है। बता दें फिलहाल दुनिया की कुल आबादी तकरीबन सात अरब 80 करोड़ है।
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जनसंख्या के मामले में पहले नंबर पर आ जाएगा भारत
रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 80 सालों में जापान, इटली, साउथ कोरिया, स्पेन, पोलैंड, थाईलैंड और पुर्तगाल समेत करीब 20 देशों की आबादी आधी हो जाएगी। वहीं चीन की आबादी अगले 80 साल में 73 करोड़ के आसपास हो जाएगी। फिलहाल चीन की आबादी एक अरब 40 करोड़ के करीब है। जबकि भारत की आबादी इन 80 सालों में एक अरब दस करोड़ हो जाएगी, इसी के साथ जनसंख्या के मामले में भारत पहले नंबर पर आ जाएगा।
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पर्यावरण के लिए एक अच्छी खबर
वहीं, उप-सहारा अफ्रीका की आबादी करीब तीन गुनी होकर 3 अरब तक पहुंचने की संभावना है। अकेले नाइजीरिया की आबादी 80 करोड़ के आसपास चली जाएगी। रिसर्च के प्रमुख लेखक क्रिस्टोफर मुरेय ने कहा कि पर्यावरण के लिहाज से यह डेटा अच्छी खबर है। ऐसा होने से फूड प्रोडक्शन पर काफी दबाव कम होगा और कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि कई देशों में आबादी घटने से नई चुनौतियां पैदा होगी।
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