8 नवंबर के बाद सोना खरीदने वालों पर आयकर विभाग कसेगा शिकंजा, शुरू की जांच
नई दिल्लीः कालेधन पर स्वच्छता की झाडू चलाने के बाद अब मोदी सरकार की नजर धनकुबेरों पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने कालेधन को सफेद करने वालों की जांच शुरू कर दी है।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद आयकर विभाग और ईडी 8 नवंबर के बाद से सोना, हीरा और विदेशी मुद्रा खरीदने और बेचने वालों का वेरीफिकेशन करने जा रही है। सभी राज्यों में छिपे धनकुबेरों की लिस्ट बनाने की तैयारी दोनों विभागों ने शुरू कर दी है और आयकर विभाग ज्वैलर्स, धार्मिक संस्थानों पर भी नजर बनाए हुए है।
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नोटबंदी के फैसले के बाद से आयकर विभाग की पैनी नजर आपके हर ट्रांजैक्शन पर है। अगर आप अपने बैंक अकाउंट से ज्यादा पैसा ट्रांसफर करते हैं, या फिर आपके एकाउंट में एक निश्चित राशि से ज्यादा रकम डिपाजिट होती है तो सावधान हो जाइए। क्योंकि अब इसकी सूचना अपने आप आयकर विभाग को चली जाएगी।
बता दें कि आयकर विभाग की वेबसाइट में एकाउंट्स विद कैश ट्रांजैक्शन की एक विंडो है। इसके तहत अब आप जैसे ही अपने अकाउंट में कैश जमा या निकालेंगे उसकी सूचना इस विंडो पर आ जाएगी। इसके माध्यम से आयकर विभाग की पैनी नजर आपके हर एक ट्रांजैक्शन पर होगी।
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इन ट्रांजैक्शन में शेयर की खरीद, मकान की खरीद, म्यूचुअल फंड में डिपॉजिट, क्रेडिट कार्ड से अधिक की खरीददारी करने के लिए एक निश्चित राशि की सीमा भी तय की गई है। इससे ज्यादा का ट्रांजैक्शन करने पर इसकी रिसिप्ट आयकर विभाग के पास चली जाएगी।
सूरत के सराफा कारोबारी लालजी भाई पटेल नोटबंदी से कालेधन पर लगी चोट के फेर में फंस गए हैं। अब वह अपने कालेधन पर हजारों करोड़ रुपए की पेनाल्टी भरने जा रहे हैं। मीडिया की खबरों के मुताबिक नोटबंदी के बाद लालजी भाई पटेल ने सरकार को 6000 करोड़ रुपए के पुराने नोट दिए हैं।
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