Independence Day 2022: देसी तोप से दी गई लाल किले पर सलामी, जानिए क्यों कहा जा रहा है बोफोर्स से बेहतर

Independence Day 2022: स्वदेशी तोप से तिरंगे को 21 तोपों ने सलामी दी। आज तक स्वतंत्रता दिवस के समारोह में सलामी के लिए ब्रिटिश तोपों का इस्तेमाल किया जाता रहा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-08-15 17:15 IST

Independence Day 2022: देसी तोप से दी गई लाल किले पर सलामी

Independence Day 2022: देश आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस खास मौके को आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज नौवीं बार लाल किले (Red Fort) से राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान तिरंगे को 21 तोपों ने सलामी दी। इसी के साथ एक नया कीर्तिमान स्थापित हो गया। आज तक स्वतंत्रता दिवस के समारोह (Independence Day Program) में सलामी के लिए ब्रिटिश तोपों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। मगर आज पहली बार स्वदेशी तोप का इस्तेमाल किया गया।

ये तोप रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (Defense and Research Development Organization) द्वारा निर्मित स्वदेशी होवित्जर गन है जिसे ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) कहा जाता है। बता दें कि ATAGS का प्रोजेक्ट साल 2013 में शुरू किया गया था ताकि डीआरडीओ (DRDO) की पुरानी गन को रिप्लेस किया जा सके। इसका पहला सफल परीक्षण 14 जुलाई 2016 में किया गया था। अब तक 6-7 परीक्षण हो चुके हैं।

पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन में किया जिक्र

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पहली बार तिरंगे को सलामी देने के लिए स्वेदशी तोप के इस्तेमाल का जिक्र प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में भी की। उन्होंने मेड इन इंडिया (Make In India) तोप का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए कान तरस गए थे वो आज सुनाई दी है। बता दें कि पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन में एक नया नारा गढ़ते हुए कहा जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान। देश को आत्मनिर्भर बनाने में अनुसंधान के महत्व पर उन्होंने बल दिया था।

क्या है स्वदेशी होवित्जर गन की खासियत

एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (Advanced Todd Artillery Gun System) जिसे स्वदेशी होवित्जर गन भी कहा जाता है, में कई खूबियां हैं। इसकी गिनती दुनिया में सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों में की जाती है, जिसकी रेंज 48 किलोमीटर है। ये किसी भी मौसम में काम कर सकती है चाहे तापमान माइनस 30 डिग्री हो या 75 डिग्री की गर्मी। इस तोप से एक मिनट में पांच गोले दागे जा सकते हैं। इस तोप का इस्तेमाल रात में भी किया जा सकता है क्योंकि अंधेरे में निशाना लगाने के लिए इसमें थर्मल साइट सिस्टम की सुविधा है।

बोफोर्स से क्यों माना जा रहा है बेहतर ?

बोफोर्स तोप भारत में काफी चर्चा में रहा है। एक तो इसके करप्शन को लेकर हुई राजनीति के कारण दूसरा कारगिल की लड़ाई में यह जीत का सबसे अहम हथियार बनी थी। लेकिन इसकी तुलना में डीआरडीओ द्वारा निर्मित स्वदेशी तोप को अधिक बेहतर माना जा रहा है। जहां बोफोर्स की रेंज 27 किलोमीटर तक की है वहीं स्वदेशी तोप 48 किलोमीटर तक मार कर सकती है। बोफोर्स एक मिनट में तीन राउंड फायर करने में सक्षम है जबकि स्वदेशी तोप एक मिनट में पांच फायर कर सकती है। इसके अलावा मौसम के मामले में भी स्वदेशी तोप बोफोर्स पर भारी है। बता दें कि भारत के पास फिलहाल सात स्वेदशी होवित्जर तोप है।

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