यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है, मौका नहीं जाने देना है, लाल किले से बोले PM मोदी
Independence Day 2024: राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू करने से पहले पीएम मोदी ने देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले आजादी के मतवालों को नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
Independence Day 2024: देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहाया। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज गार्ड्स द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। वायुसेना के दो एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर्स ने लाल किले पर पुष्षवर्षा की। साथ ही, पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित भी कर रहे हैं। पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम लगातार 11वां संबोधन है, जबकि लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में लौटने के बाद उनका पहला संबोधन है। इस बार पीएम के राष्ट्र संबोधन की थीम 'विकसित भारत @2047' रखी गई है, जिसका उद्देश्य 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की दिशा में सरकार की कोशिशों को आगे बढ़ाना है। राष्ट्रीय ध्वजारोहण से पहले पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पीएम मोदी ने कहा, 'सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। जय हिंद!.'
आजादी के मतवालों को प्रधानमंत्री ने किया नमन
राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू करने से पहले पीएम मोदी ने देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले आजादी के मतवालों को नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा कि आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय के नारे लगाने वाले, अनगिनत भारत माता के सपूतों के स्मरण करने का दिन है। आजादी के दिवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता में सांस लेने का मौका दिया। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं। आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं औऱ देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं।
यह मौका जाने नहीं देना है
पीएम मोदी ने कहा,'जब लाल किले से कहा जाता है कि देश के 18 हजार गांव में समय सीमा के अंदर बिजली पहुंचाएंगे और वो काम हो जाता है तो भरोसा मजबूत हो जाता है। यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है, यह मौका जाने नहीं देना है।
उस समय 40 करोड़ भारतीयों ने वो जज्बा व सामर्थ्य दिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों हम जरा आजादी के पहले के उन दिनों को याद करें। सैकड़ो साल की गुलामी। हर कालखंड संघर्ष का रहा है। महिला हो, युवा हो, आदिवासी हो, वे सब गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व ही हमारे कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती रही थी। आजादी की जंग इतनी लंबी थी। अपरंपार यातनाएं, जुल्मी शासन सामान्य मानवी का विश्वास तोड़ने की तरकीबें, फिर भी उस समय की संख्या के करीब 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, वो सामर्थ्य दिखाया। एक संकल्प लेकर चलते रहे, एक सपना लेकर चलते रहे। जूझते रहे। एक ही सपना था वंदे मातरम, एक ही सपना था देश की आजादी का। हमें गर्व है कि हम उन्हीं के वंशज हैं।
140 करोड़ भारतीय अगर कदम से कदम मिलकर...
40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था। आज हम 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी लेकर के रह सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे नागरिक, मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित कर चल सकते हैं, कदम से कदम मिलाकर, कंधे से कंधा मिलाकर, तो चुनौतियां कितना ही क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हम स्मृद्धि पा सकते हैं। हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं।
प्राकृतिक आपदा पर बोले मोदी
केरल के वायनाड जिले में आई प्राकृतिक आपदा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने किहा कि देश वासियों इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं में अनेक लोगों ने अपने परिवारों को खोया है। संपत्ति खोई है। राष्ट्र निधि का नुकसान हुआ है। मैं आज उन सबके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि देश इस संकट की घड़ी में उन सबके साथ खड़ा है।
6000 खास मेहमान रहे आकर्षण का केंद्र
लालकिला परिसर में हुए स्वतंत्रता दिवस पर इस बार 11 श्रेणियों के तहत 18 हजार मेहमान आकर्षण का केंद्र रहे। इसमें 6 हजार खास मेहमान महिला, किसान, युवा और गरीब वर्ग के रहे। अटल इनोवेशन मिशन और पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना से लाभान्वित छात्र तथा ‘मेरी माटी मेरा देश’ के तहत मेरा युवा भारत और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक भी कार्यक्रम में भाग लिया। अतिथियों में जनजातीय कारीगर/वन धन विकास सदस्य और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा वित्त पोषित जनजातीय उद्यमी तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थी और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि भी स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम भाग लिया।