INDIA Alliance Clash: INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर चर्चा से पहले घमासान, राजद और जदयू मारन के बयान से नाराज, BJP ने कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल

INDIA Alliance Clash: इंडिया गठबंधन में शामिल राजद और जदयू ने मारन के विवादित बयान की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसे बयानों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-12-25 10:45 IST

Dayanidhi Maran   (photo: social media )

INDIA Alliance Clash: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सीट शेयरिंग पर बातचीत शुरू होने से पहले द्रमुक नेता और सांसद दयानिधि मारन के यूपी और बिहार के लोगों को संबंध में दिए गए विवादित बयान पर घमासान छिड़ गया है। इंडिया गठबंधन में शामिल राजद और जदयू ने मारन के विवादित बयान की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसे बयानों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। गठबंधन में शामिल अन्य दलों के नेताओं ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है।

दूसरी ओर मारन के बयान ने भाजपा को विपक्षी दलों को घेरने का बड़ा मौका दे दिया है। भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से सवाल किया है कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्हें यूपी और बिहार के लोगों के संबंध में इस तरह के बयान स्वीकार हैं? भाजपा ने इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।

सीट शेयरिंग पर चर्चा से पहले घमासान

इंडिया गठबंधन की हाल में राजधानी दिल्ली में हुई बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट शेयरिंग पर जल्द चर्चा शुरू किए जाने का फैसला किया गया था। टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने तो 31 दिसंबर तक ही इस काम को पूरा करने पर जोर दिया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सीट शेयरिंग का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि विभिन्न दलों और उम्मीदवारों को अपनी सियासी स्थिति मजबूत बनाने का पूरा समय मिल सके।

हालांकि बाद में जनवरी के दूसरे हफ्ते तक इस काम को पूरा किए जाने का फैसला किया गया था। विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर अभी तक चर्चा नहीं शुरू हो चुकी है। दूसरी ओर गठबंधन में शामिल द्रमुक के वरिष्ठ नेता दयानिधि मारन के विवादित बयान पर घमासान जरूर छिड़ गया है।

मारन के बयान पर राजद को आपत्ति

डीएमके के सांसद दयानिधि मारन ने यूपी और बिहार के लोगों के संबंध में काफी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग उत्तर प्रदेश या बिहार में हिंदी सीखते हैं, वे तमिलनाडु में आकर शौचालय साफ करने, रोड साफ करने या फिर कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में मजदूरी करने का काम करते हैं।

उनके इस बयान पर आपत्ति जताते हुए राजद नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि डीएम के सामाजिक न्याय में विश्वास करने वाली पार्टी है। अगर उस पार्टी के किसी नेता ने यूपी और बिहार के लोगों के बारे में कुछ कहा है तो यह निंदनीय है। हम इससे सहमत नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि अगर यूपी और बिहार के लोगों की मदद न मिले तो दूसरे राज्यों की आर्थिक गतिविधियों पर काफी बुरा असर पड़ेगा। यूपी और बिहार के लोगों के संबंध में ऐसी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

बिहारी अस्मिता को ठेस बर्दाश्त नहीं

इंडिया गठबंधन के प्रमुख साझीदार जदयू ने भी मारन की इस टिप्पणी पर तीखी आपत्ति जताई है। जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बिहारियों ने अपनी योग्यता, कड़ी मेहनत से पूरे देश और विदेश में अपनी पहचान बनाई है और बड़े पदों पर आसीन हुए हैं। यहां के लोग देश में हर जगह अपनी सेवाएं देते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी हमारी बिहारी अस्मिता को ठेस पहुंचा सकता है और हम इसे बर्दाश्त करेंगे। हमें नम्रता का पाठ जरूर पढ़ाया गया है मगर हमें विरोध करने का तरीका भी आता है।

भाजपा ने लालू और नीतीश से मांगा जवाब

मारन के इस विवादित बयान ने भाजपा को बैठे बिठाये विपक्ष को घेरने का बड़ा मौका दे दिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राजद मुखिया लालू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे इस टिप्पणी से सहमत है? उन्हें इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि डीएमके और इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को हिंदी भाषी इलाकों के लोगों से इतनी ज्यादा नफरत क्यों है। तमिलनाडु के भाजपा नेताओं ने भी मारन के बयान पर विरोध दर्ज कराया है।

सहयोगी दलों में बढ़ सकती है खींचतान

भाजपा नेता अमित मालवीय और शहजाद पूनावाला ने भी इस टिप्पणी को लेकर सवाल उठाए हैं। मालवीय ने कहा कि इंडिया गठबंधन का विभाजनकारी एजेंडा पूरे देश के सामने आ गया है। इस संबंध में राहुल गांधी और नीतीश कुमार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह एक सुनियोजित रणनीति है और कोई संयोग नहीं है। डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार के आपत्तिजनक बयान के बाद अब डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने हिंदी भाषी उत्तर भारतीयों के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों की चुप्पी भी सवाल उठाए।

सियासी जानकारी का मानना है कि सीट शेयरिंग पर चर्चा शुरू होने से पहले इंडिया गठबंधन में छिड़ा यह घमासान विपक्षी दलों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। विवादित टिप्पणियों के कारण आने वाले दिनों में विपक्षी दलों के बीच खींचतान और बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

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