रूस-अमेरिका को झटकाः भारत का कमाल, हथियारों का आयात कर दिया इतना कम

रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के चलते हथियारों के आयात में कमी आई है।

Update: 2021-03-16 05:28 GMT

नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश ने पिछले कुछ सालों में बेहद कामयाबी पायी है। बीते सालों में भारत में हथियारों के आयात में 33 प्रतिशत की कमी आई। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011- 15 और 2016-20 के दौरान देश में विदेशों से हथियारों का आयात काफी कम हो गया। इसका सबसे ज्यादा असर रूस और अमेरिका को लगा।

भारत में हथियार आयात में 33% की कमी

दरअसल, स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम स्थित रक्षा थिंक टैंक सिपरी की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के चलते हथियारों के आयात में कमी आई है। पिछले एक दशक में भारत के हथियारों का आयात 33 प्रतिशत कम हुआ है।

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हथियारों के आयात में कमी की वजहः

रिपोर्ट में भारत के हथियारों के आयात में आई कमी की वजह बताई गई कि इसका मुख्य कारण यहां की खरीददारी प्रक्रिया का जटिल होना है। इसके अलावा भारत की हथियारों को लेकर रूस पर अत्यधिक निर्भर होना भी है। रिपोर्ट में दावा किया गया क आगामी समय में भारत बड़े स्तर पर अलग-अलग हथियार सप्लायर्स से हथियार खरीदने की तैयारी में है।

2025 तक 35 हजार करोड़ रूपए के हथियार बेचने का टारगेट

बता दें कि भारत सरकार ने अपने ही घरेलू बाजार से हथियारों को दोगुना खरीदने की नई नीति बनाई है, जिससे बाहरी देशों से हथियार खरीदने के लिए निर्भरता कम हो सके। साथ ही सरकार 2025 तक 35 हजार करोड़ रूपए के हथियार बेचने का टारगेट सेट किया है।

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चीन से सबसे ज्यादा हथियार पाकिस्तान ने खरीदे

वहीं अगर चीन की बात करें तो उसने पिछले पांच सालों में दुनियाभर के 5.2 प्रतिशत हथियारों का निर्यात किया। बता दें कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया चीन से सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देश हैं। जहां भारत ने विदेशों के हथियार ख़रीदने में कमी की तो पाकिस्तान ने सबसे अधिक हथियार चीन से ही ख़रीदे हैं।

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