चीन को जवाब देने के लिए भारत ने की तैयारी, कड़कड़ाती ठंड में सैनिक करेंगे ये काम

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झडप के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है। दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव जारी है।

Update:2020-07-30 20:05 IST
Indian Army

नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है। दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव जारी है। उम्मीद जताई जारी है कि यह तनाव जल्द खत्म होने वाला नहीं है।

आक्रामक चीन को जवाब देने के लिए भारत ने पूरी तैयारी कर ली है। भारत ने चीन के साथ लगती सीमा पर और 35 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है। भारत ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब चीन ने पहले से ही अक्साई चिन में करीब 50 हजार सैनिक तैनात किए हुए हैं।

भारतीय सैनिकों को खासियत यह है कि सेना ने जिन 35,000 सैनिकों को तैनात किया है, वो पहले से ही उच्च ऊंचाई और ठंड की स्थिति में काम कर चुके हैं। वहां पर तैनात सैनिकों को मौसम और इलाके की स्थिति से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता है।

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भारत ने बीते दिनों की घटी घटनाओं से सबक लेते हुए सर्दियों में भी सुरक्षा को उच्च स्तर रखने की तैयारी की है। शून्य से 50 डिग्री नीचे का तापमान हो या फिर बर्फीले तूफान हर समय हमारे सैनिक एलएसी के पास स्थित निगरानी चौकियों पर तैनात रहेंगे। भारतीय सेना ने सर्दियों में जवानों को विपरीत हालात से रक्षा के लिए विशेष तंबुओं के अलावा सैन्य वर्दी व जूतों को खरीद रही है।

चीनी सैनिकों को ठंड में रहने की आदत नहीं

भारतीय सैनिकों के मुकाबले चीनी सैनिकों को ठंड में रहने की आदत नहीं है, क्योंकि वह ठंड में काम करने के आदि नहीं है। तो वहीं पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय सैनिक पहले सियाचिन, पूर्वी लद्दाख या पूर्वोत्तर में पहले ही एक या दो कार्यकाल में काम किए हैं। भारतीय सैनिक वहां लंबी तैनाती के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हैं। भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किए गए लगभग 35,000 सैनिकों के लिए अत्यधिक ठंडे मौसम वाले पोर्टेबल केबिन उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है।

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ऐसी पड़ती है ठंग कि जम जाए खून

लद्दाख में एलएसी से सटे अधिकतर इलाकों में सर्दियों में तापमान -25 से -40 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। कुछ स्थानों पर यह -50 डिग्री तक भी पहुंच जाता है। भारी बर्फ के बीच सैनिकों को आगे बढ़ना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से नियमित बर्फीली हवाएं भी चलती हैं। बर्फीले तूफान का खतरा बरकरार रहता है।

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सर्दियों में नई साजिश रच सकता है चीन

भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है, क्योंकि चीन सर्दी के मौसम नई साजिश रच सकता है। चीनी सैनिक कई बार सर्दियों में भी एलएसी का उल्लंघन कर चुके हैं। वर्तमान समय में चीन के व्यवहार से आशंका बढ़ गई है कि वह सर्दियों में कोई नई साजिश रच सकता है। इसलिए रक्षा मंत्रालय ने सर्दियों में एलएसी पर चीन को जवाब देने की पूरी तैयारी कर ली है।

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