LAC पर भयानक मुसीबत: चीन ने फिर की धोखेबाज़ी, भारी संख्या में दुशमन सेना

पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना अपनी स्थिति मजबूत कर चुकी है और बीते कुछ महीनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव वाले क्षेत्रों में चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। चीन की तरफ से सीमा समझौतों का उल्लंघन बार-बार किया जा रहा है।

Update:2021-01-24 16:34 IST
LAC पर भयानक मुसीबत: चीन ने फिर की धोखेबाज़ी, भारी संख्या में दुशमन सेना

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी तनाव बरकरार है। चीन की तरफ से सीमा समझौतों का उल्लंघन बार-बार किया जा रहा है। अब चीन ने सितम्बर में भारत के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना अपनी स्थिति मजबूत कर चुकी है और बीते कुछ महीनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव वाले क्षेत्रों में चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। जबकि चार महीने पहले सितम्बर में चीन ने खुद ही प्रस्ताव दिया था कि दोनों पक्षों को तनाव कम करने के लिए संघर्ष वाले क्षेत्र में और सैनिकों को नहीं भेजना चाहिए।

चीन ने संयुक्त बयान के वादे को तोड़ा है

मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में क्षेत्र की जो जमीनी हकीकत सामने आई है वह बताती है कि पीएलए ने न सिर्फ 21 सितम्बर को छठें दौर की बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान के वादे को तोड़ा है जिससे दोनों पक्षों के बीच फिर से भरोसा कमजोर हुआ है। बता दें कि पिछले सितम्बर में जब छठे दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने संयुक्त बयान जारी किया था तो कई महीनों से जारी गतिरोध कम करने की दिशा में बड़े कदम के रूप में देखा गया था।

सहमति को लागू करने पर अपनी सहमति व्यक्त की गई थी

दोनों पक्षों द्वारा दिए गए बयान में दोनों देशों के नेताओं द्वारा महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने पर अपनी सहमति व्यक्त की थी जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष पर जमीन पर बातचीत को मजबूत करेंगे और किसी तरह ही गलतफहमी से बचने के लिए मोर्चे और सैनिकों को भेजना बंद करने के साथ ही स्थिति को एकतरफा करने से बचेंगे। इसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष जमीन पर स्थिति को बदलने का ऐसा कोई प्रयास नहीं करेंगे जिससे स्थिति जटिल हो सकती है। सितम्बर के बाद अब तक चार महीने बीत चुके हैं लेकिन इस दौरान भरोसे की जो लकीर आगे बढ़नी चाहिए थी अब वह खत्म हो चुकी है।

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भारतीय सेना के पास जवाबी कार्रवाई करने अलावा कोई विकल्प नहीं

सेना के सूत्रों ने बताया है कि चीन की कार्रवाइयों को देखते हुए भारतीय सेना हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकती और सेना ने इसके जवाब में काम करने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। कुछ क्षेत्रों में चीनी जमावड़े को देखते हुए भारतीय सेना ने भी अपनी स्थिति में परिवर्तन किया है। यही वजह है कि कड़ाके की ठंड के बावजूद दोनों पक्षों की सेनाएं टैंकों और बख्तरबंद वाहनों के साथ एक दूसरे के सबसे करीब डटी हुई हैं।

चीन उत्तरी लद्दख के देपसांग में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है

सितम्बर में आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन उत्तरी लद्दख के देपसांग मैदान में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक स्थिति बदलने का चीन का हालिया प्रयास दौलत ओल्डी बेग के पास हो रहा है। दौलत ओल्डी बेग लद्दाख में एयर फोर्ट का रणनीतिक बेस है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने हाल ही में बेस का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लिया था।

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दोनों देशों के बीच चुशुल सेक्टर के मोल्डी में 9वें दौर की बातचीत

भारत और चीन के बीच चुशुल सेक्टर के मोल्डी में 9वें दौर की बातचीत हो रही है। पैंगांग त्सो झील के दक्षिण में स्थित इस क्षेत्र पर भारतीय सेना ने बढ़त हासिल की है और यहां पर अपने बख्तरबंद वाहनों और स्पेशल फोर्स के साथ मजबूती से तैनात है। हालांकि तनाव वाले क्षेत्रों पर कई जगह पर चीन को रणनीतिक बढ़त बना रखी है लेकिन भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ने चीन को कई जगहों पर परेशानी में डाला है।

भारतीय रणनीति से चीन चिढ़ा हुआ है

गतिरोध के पीछे भारतीय सेना का दमदारी से जवाब देना भी प्रमुख कारण है। खासतौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय रणनीति से चीन चिढ़ा हुआ है। एक आकलन यह भी है कि भारतीय सेना ने चीन की चाल को रोक दिया है और चीन अभी यह समझने की कोशिश कर रहा है कि इससे कैसे निपटा जाय।मोल्डो में भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता शुरू, क्या निकलेगा सीमा विवाद का हल?"

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